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Pregnancy tips: प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर खतरनाक, स्ट्रोक आने का भी रहता रिस्क, सर्तक रहें

Pregnancy tips: प्रेग्नेंसी महिला के लिए सुखद अहसास है. प्रेग्नेंसी का पहला दिन महिला के लिए जितना उत्साह भरा होता है. बाकी के दिन उतने ही उतार-चढ़ाव वाले रहते हैं, क्योंकि प्रेग्नेंसी का हर दिन कुछ न कुछ बदलाव लेकर आता है.

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Publive Team
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High blood pressure in pregnancy ( Photo Credit : social media )

Pregnancy tips: प्रेग्नेंसी महिला के लिए सुखद अहसास है. प्रेग्नेंसी का पहला दिन महिला के लिए जितना उत्साह भरा होता है. बाकी के दिन उतने ही उतार-चढ़ाव वाले रहते हैं, क्योंकि प्रेग्नेंसी का हर दिन कुछ न कुछ बदलाव लेकर आता है. इम्यूनिटी कमजोर होने के चलते इंफेक्शन, फीवर का डर बना रहता है. प्रेग्नेंसी में बहुत सी समस्याओं से महिला को दो-चार होना पड़ता है उन्हीं में से एक है हाई ब्लड प्रेशर की समस्या. प्रेग्नेंसी में हाई ब्लड प्रेशर बहुत खतरनाक है. प्रेग्नेंसी के शुरुआत के दीनो में बीपी गिरता है और फिर तीसरी तिमाही तक अपने लेवल पर आ जाता है. अगर ब्लड प्रेशर अधिक रहने लगे तो इससे कई अन्य बीमारियां होने का खतरा हो सकता है. इससे स्ट्रोक आने का भी रिस्क रहता है. स्ट्रोक दिमाग की एक खतरनाक बीमारी है. यह ब्रेन की किसी भी आर्टरी में ब्लॉकेज या फिर उसके फटने जाने की वजह से होता है. यह महिला के गर्भ में पल रहे शिशु के अलावा दिल, किडनी व अन्य अंगों के लिए भी हानिकारक हो सकता है. 

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80 प्रतिशत स्ट्रोक ब्लॉकेज के कारण

डॉक्टरों को मुताबिक जो महिलाएं डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा और मानसिक तनाव से पीड़ित होती हैं उनमें गर्भावस्था के दौरान कई बीमारियों का रिस्क रहता है. इनमें स्ट्रोक भी एक डिजीज है जो महिला को हाई बीपी के कारण हो सकती है. ऐसा देखा गया है कि करीब 80 प्रतिशत स्ट्रोक ब्लॉकेज के कारण होते हैं.  20 प्रतिशत मामलों में आर्टरी फटने के कारण दिमाग में हेमरेज होता है जो बाद में स्ट्रोक का कारण बनता है. महिलाओं में उम्र बढ़ने के साथ स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है.

महिलाओं में स्ट्रोक के कारण

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जो महिलाएं प्रेग्नेंसी में हाई बीपी से पीड़ित है उन्हें अपने ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखना चाहिए. ऐसा न होने से स्ट्रोक हो सकता है. इसके अलावा भी स्ट्रोक के कई कारण है. इनमें एक्लेम्पसिया और प्री-एक्लेम्पिसया, पीरियड्स सामान्य से पहले या देरी से शुरू होना और ज्यादा मेंटल स्ट्रेस जैसी फैक्टर होते हैं. अगर किसी भी महिला को इस तरह की परेशानी हो रही है तो इनको हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसके अलावा अचानक वजन का बढ़ना, आंखो की रोशनी कम होना, शरीर में अधिक सूजन होना, एसिडिटी की तरह पेट दर्द होना भी संकेत है. ब्लड प्रेशर नॉर्मल से ज्यादा होना, शराब का सेवन करना, 40 वर्ष के बाद गर्भधारण करना, गर्भ में एक से ज्यादा शिशुओं का होना, आईवीएफ या अन्य तकनीक के जरिए गर्भधारण करना भी मुख्य कारण है. 

प्रेग्नेंसी में बीपी हाई हो तो क्या करें?

किसी भी गर्भवती महिला के लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि गर्भावस्था के दौरान रक्तचाप को कैसे नियंत्रित करें. इससे मां-बच्चे दोनों स्वास्थ्य रह सकते हैं. प्रेग्नेंसी में यदि आपको हाई बीप की समस्या है, तो आप अखरोट, टोफू इत्यादि का सेवन कर सकती हैं. बल्ड प्रेशर को कम करने के लिए लहसुन भी बहुत फायदेमंद होता है. यह हार्ट रेट को कंट्रोल कर आपकी धमनियों को आराम पहुंचाता है. प्रेग्नेंसी के दौरान हल्का वर्कआउट करना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि इससे आपकी बॉडी एक्टिव रहती है और दिमाग शांत रहता है. गर्भावस्था में पालक, सोयाबीन, अखरोट, अलसी, इत्यादि हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना बहुत फायदेमंद होता है. प्रेग्नेंसी में महिलाएं सोने और जागने का समय निर्धारित रखें. शरीर में पानी की कमी न होने दें. रोज डॉक्टर की सलाह से एक्सरसाइज करें. अपनी दवाओं को समय पर लें. कैफीन के सेवन से बचें. 

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Disclaimer: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.

Source : News Nation Bureau

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