वैलेंटाइन डे( Valentine day) प्यार का दिन होता है. वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को मनाया जाता है. इस दिन लोग ज्यादा तर लाल रंग को ज्यादा जरूरी समझते हैं. लाल रंग का गुलाब देकर भी लोग अपने प्यार का इज़हार करते हैं. लाल गुलाब को भी इस दिन विशेष महत्त्व दिया जाता है. इस दिन हर जगह लाल हर जगह देखने को मिलता है. ऐसे में आपको लगता होगा कि इस दिन लाल रंग ही क्यों इतना ख़ास होता है. आखिर वेलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी के दिन लाल रंग को इतना स्पेशल क्यों माना जाता है. तो चलिए आज आपको बताते हैं कि वैलेंटाइन्स डे के पीछे इस लाल रंग की क्या कहानी है.
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लाल रंग प्यार का सिंबल होता है. इसीलिए वैलेंटाइन डे पर रेड कलर सबसे ज्यादा माईने रखता है. इस दिन मॉल्स, थियेटर, शॉपिंग सेंटर और रेस्टोरेंट जैसी जगहों पर लाल रंग की सजावट देखने को मिलने लगती है. लाल रंग के बलून, रिबन, फूल, खूबसूरत आउटफिट जैसी चीजों से हर कोई अपने आस पास के मोहाल को सजाता है.
पहले होता था त्याग का रंग -
लाल रंग को कभी त्याग के रंग के तौर पर भी देखा गया है. जानकारी के अनुसार रोम में मध्य युग के दौरान चर्च के पादरी ईशु मसीह और बाकी शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए लाल रंग के कपड़े पहना करते थे. इतना ही नहीं इस रंग को गुस्से, जंग और खतरे के नजरिये से भी देखा जाता था. लेकिन लाल रंग को प्यार का रंग साबित किया एक कविता ने.
कविता से बना प्यार का रंग-
माना जाता है कि लाल रंग को प्यार के रंग में बदलने का काम ग्रीक समुदाय ने किया था. दरअसल इसके पीछे की वजह थी एक कविता “रोमन डी ला रोज”, जो कि उस दौर में काफी फेमस हुई थी. उस कविता के अनुसार एक व्यक्ति लाल रंग के गुलाब की खोज करने निकला था और उसी दौरान उसको अपना जीवनसाथी अपना प्यार मिल गया था. इसी तरह से लाल रंग को प्यार के रूप में देखा जाने लगा.
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Source : News Nation Bureau