International Women Day 2024: भारत में महिलाओं के लिए क्या हैं कानूनी हक

International Women Day 2024: इन कानूनी हकों के माध्यम से, महिलाएं समाज में अपने अधिकारों का पूरा उपयोग कर सकती हैं और उन्हें समानता का अहसास होता है. यह समाज में एक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

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Inna Khosla
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Women Right In India

Women Right In India ( Photo Credit : News Nation)

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International Women Day 2024: भारतीय समाज में महिलाओं के कानूनी हक एक महत्वपूर्ण पहलु है जो समाज में समानता और न्याय की दिशा में कदम बढ़ाता है. इन हकों में से कुछ विवाहिता के अधिकार, संपत्ति और विरासत के अधिकार, उच्च शिक्षा और नौकरी के अधिकार, और हिन्दू संस्कृति और धार्मिक स्थिति के हैं. इन कानूनी हकों के माध्यम से, महिलाएं समाज में अपने अधिकारों का पूरा उपयोग कर सकती हैं और उन्हें समानता का अहसास होता है. यह समाज में एक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय समाज को और उन्नत और समृद्ध बनाने में मदद कर सकता है.

विवाहिता के अधिकार:

धारा 498-ए (दहेज़ के कानून के अनुसार): यह कानून दहेज़ के लिए किए गए शिकायतों को रोकता है और दहेज़ लेने या देने के मामले में कठिन कार्रवाई करता है.
हिन्दू विवाह अधिनियम 1955: इस अधिनियम के तहत, महिलाओं को विवाह, तलाक, संपत्ति, और विरासत के मामलों में समान अधिकार प्राप्त होते हैं.
धारा 125 (क्रूरतापूर्ण विवाह के खिलाफ): इसके तहत, महिलाओं को क्रूरतापूर्ण या अशिष्ट विवाह के खिलाफ कानूनी सहारा प्राप्त होता है.
संपत्ति और विरासत के अधिकार:

हिन्दू संपत्ति कानून: यह कानून महिलाओं को पितृसत्ता, स्वाधिकार, और संपत्ति के मामलों में समान अधिकार प्रदान करता है.
धारा 14 (हिन्दू संपत्ति कानून): इसके तहत, महिलाओं को पितृसत्ता के अधिकार प्राप्त होते हैं और उन्हें संपत्ति का हिस्सा मिलता है.
उच्च शिक्षा और नौकरी के अधिकार:

सीक्रेटरियल प्रैक्टिस के कानून: यह कानून महिलाओं को नौकरी के मामले में असमानता से बचाता है और उन्हें समान वेतन और अवसर प्रदान करता है.
राष्ट्रीय शैक्षिक नीति 2020: इसमें महिलाओं को उच्च शिक्षा में प्रवेश और पदों में समानता का प्रावधान है.
हिन्दू संस्कृति और धार्मिक स्थिति:

हिन्दू धार्मिक और सामाजिक समानता कानून: यह कानून सभी समुदायों को समान धार्मिक और सामाजिक स्थिति प्रदान करता है.
धारा 16 (सामाजिक और धार्मिक समानता): इसके तहत, महिलाओं को सभी समाजी और धार्मिक क्रियाओं में समानता का अधिकार होता है.
हिन्दू संगठनों और परिवारिक संस्थाओं के अधिकार:

धारा 7 (हिन्दू संगठनों के अधिकार): इसके तहत, महिलाओं को संगठनों और परिवारिक संस्थाओं में समान अधिकार प्राप्त होते हैं.
धारा 8 (हिन्दू परिवारिक संस्थाओं के अधिकार): इसके अंतर्गत, महिलाओं को परिवारिक संस्थाओं में समान भागीदारी का अधिकार होता है.
भारत में महिलाओं के इन कानूनी हकों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि समाज में समानता और न्याय का माहौल बना रहे.जम्मू और कश्मीर की शंकराचार्य पहाड़ी रेंज भारतीय सबकों में अपने प्राकृतिक सौंदर्य, विविधता और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है. यह रेंज हिमालय के पश्चिमी हिस्से में स्थित है और उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू और कश्मीर के इलाकों में फैली हुई है. शंकराचार्य पहाड़ी रेंज अपने प्राकृतिक सौंदर्य, वन्यजीवन, पर्वतीय जलवायु, और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है.

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Source : News Nation Bureau

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