Benefits of late Marriage: वैसे से भारत में लड़के की शादी की उम्र 21 और लड़की की 18 है. लेकिन देखने में आया है कि उच्च शिक्षा और आत्मनिर्भर बनने के कारण इन दोनों लोग देर से ही शादी करते हैं. आजकल तो यह ट्रेंड हो गया है कि लड़की 28-30 तो लड़की 35-40 साल तक जाकर शादी के लिए तैयार होते हैं. दरअसल, शादी लड़के और लड़की के बीच केवल वैवाहिक बंधन ही नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है. जिसके लिए मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार होना जरूरी है. हालांकि हमारे देश में बाल विवाह और फिर कम उम्र में शादी का भी चलन रहा है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. मां-बाप भी बच्चों के कामयाब होने के बाद उनकी शादी के बारे में सोचते हैं. यहां तक कि मां-बाप बच्चों की मर्जी के बिना उनपर शादी की दबाव नहीं बनाते. ऐसे में देरी से शादी के कुछ अपने फायदे भी हैं. आज हम उन्हीं फायदों की बात कर रहे हैं.
देर से शादी के फायदे
देर से शादी के कुछ फायदे हो सकते हैं, यह व्यक्ति के व्यक्तिगत स्थिति, विचार और जीवनशैली पर निर्भर करता है. नीचे कुछ देर से शादी के फायदे हैं:
स्थितिकता और स्थिति का समर्थन:
देर से शादी करने से व्यक्ति को अधिक समय मिलता है अपनी व्यक्तिगत और पेशेवर लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए.
स्वतंत्रता
देर से शादी करने से व्यक्ति को अपने जीवन की रोडमैप बनाने का और अपने विचारों को व्यक्त करने का विशेषाधिकार हो सकता है.
मैचिंग और समझदारी:
देर से शादी करने का समय जोड़ी को आपसी समझदारी बनाने और एक दूसरे को अच्छे से समझने के लिए मिलता है.
आत्मनिर्भरता:
देर से शादी करने से पहले व्यक्ति को अपनी आत्मनिर्भरता बनाने का समय मिलता है, जिससे उसकी स्वावलम्बन और आत्मसमर्थन की क्षमता बढ़ सकती है.
बच्चों के लिए तैयारी:
देर से शादी करने से पहले जोड़ी को बच्चों के लिए तैयारी करने का समय मिलता है, जिससे वे प्रबंधन और पालन-पोषण के लिए तैयार हो सकते हैं.
बेहतर संबंध:
देर से शादी करने से व्यक्ति को अपने साथी को बेहतर से समझने और उसके साथ बेहतर संबंध बनाए रखने का समय मिलता है. यह फायदे व्यक्ति के व्यक्तिगत परिस्थितियों, योजनाओं, और लक्ष्यों पर निर्भर करते हैं, और हर व्यक्ति के लिए अलग हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau