आजकल की दिनचर्या में डिप्रेशन से जूझना आम बात हो गई है. खासकर ज्यादा बुरा तब लगता है, जब आपका कोई करीबी स्वास्थ्य समस्या या डिप्रेशन का शिकार हो जाता है. जो लोग मानसिक समस्या से पीड़ित होते हैं वो दुनिया को अलग अंदाज में देखते हैं. बता दें जो लोग दैनिक गतिविधियों में रुचि खो देते हैं, दोस्तों या उनका किसी से मिलना का मन नहीं करता तो इसका मतलब वो डिप्रेशन का शिकार हो गए हैं.ऐसे में जरूरी है कि हम इन लोगों से बात करते समय शब्दों का सही तरीके से चयन करें. बता दें कई बार उनको कोई साधारण तरीके से बोला गया शब्द भी दिल पर लग सकता है. क्योंकि उनकी मानसिकत स्थिति ठीक नहीं है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं, उन लोगों के साथ बात करते समय विशेषकर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
सोच समझकर बोलें
आपको इसका एहसास नहीं हो सकता है, लेकिन यहां तक कि साधारण शब्द जिन्हें आप बिना सोचे समझे बोल देते हैं, उन्हें खारिज करने के रूप में व्याख्यायित किया जा सकता है. लोगों के लिए इस तरह की बातें कहना बहुत आम है:
जब आप किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या के साथ किसी की मदद करना चाहते हैं, तो प्लैटिट्यूड एक अच्छे विचार की तरह लग सकता है. लेकिन सच में ऐसा नहीं होता है.सलाह और बयान देना बहुत आम है जैसे:
"यह भी गुजर जाएगा."
"कल एक और दिन है.'' ये सब बातें कई बार अपना उल्टा प्रभाव भी डाल देती हैं
उसको महसूस कराएं कि वो अकेला नहीं है
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि मानसिक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है. सुनिश्चित करें कि आपके प्रियजनों को पेशेवर सहायता की आवश्यकता है यदि उन्हें इसकी आवश्यकता है. यदि आप मदद करना चाहते हैं, तो बस उस व्यक्ति को बताएं कि वे अकेले नहीं हैं
विश्वास जगाएं
एक और बहुत ही सामान्य प्रतिक्रिया है जब लोग मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति से पीड़ित किसी व्यक्ति के सामने आते हैं, वह है अविश्वास. आप अक्सर लोगों को कुछ ऐसा कहते हुए पा सकते हैं.
"लेकिन आप हमेशा बहुत खुश लगते हैं!"
"मुझे लगता है कि आपका जीवन बहुत अच्छा है''
Source : News Nation Bureau