National Safety Day 2023 : हर वर्ष देश में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च को मनाया जाता है. नेशनल सेफ्टी डे को मनाने का लक्ष्य दुर्घटनाओं को रोकना और लोगों के बीच में इससे जुड़े सुरक्षा उपायों व प्रोटोकॉल के बारे में जागरूकता फैलाना है. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस एक हफ्ते तक मनाया जाता है. इस साल इसका थीम 'हमारा उद्देश्य - शून्य नुकसान' है. आइये जानते हैं कि आम लोगों के जीवन में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का क्या महत्व है और इसका क्या इतिहास है?
जानें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का क्या है इतिहास
साल 1965 में औद्योगिक सुरक्षा का पहला सम्मेलन आयोजित किया गया है. केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने नियोक्ता संगठनों, राज्य सरकारों, ट्रेड यूनियनों और अन्य संस्थानों की मदद से 11 दिसंबर से 13 दिसंबर तक इस सम्मेलन का आयोजन किया था. 1966 में श्रम मंत्रालय ने 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का गठन किया था. फिर से इसे सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 और बॉम्बे पब्लिक ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत एक सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया था. साल 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना के उपलक्ष्य में हर वर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है.
जानें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का महत्व
राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर दुर्घटनाओं को रोकाने के लिए सुरक्षा उपायों और सावधानियों के महत्व पर जोर दिया जाता है. इसे लेकर एक सप्ताह तक लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है. इस साल भी भारत में 52वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 4 मार्च यानी शनिवार को मनाया जाएगा. देश भर में 4 मार्च से लेकर 10 मार्च तक राष्ट्रीय सुरक्षा सप्ताह चलेगा.
जानें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस का लक्ष्य
सरकारी और गैर सरकारी विभागों, संगठनों, नियामक एजेंसियों, उद्योगों में इस दिन को प्रमुख राष्ट्रीय अभियान के रूप में मनेगा. समाज की सेवा और रक्षा करना इस दिवस का मुख्य लक्ष्य है. पहले यह अभियान एक दिन तक चलने वाले सड़क सुरक्षा दिवस के रूप में प्रारंभ हुआ था, लेकिन बाद में इस अभियान को बढ़ाकर साप्ताहिक कर दिया गया है.
Source : News Nation Bureau