बच्चों और बड़ों दोनों को ही आइसक्रीम बेहद पसंद होती है. साथ ही ये हर मौसम में खाई जाने वाली चीज है. सर्दी हो या गर्मी, आइसक्रीम खाना सबको पसंद आता है. लेकिन, जहां ये सर्दियों में पिघलती नहीं है. वहीं गर्मियों में ये हाथ में लेते ही पानी हो जाती है. जिससे खाने वाले का मू़ड थोड़ी देर में ही खराब हो जाता है. लेकिन, अब आपको अपना मूड खराब करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपके लिए एक ऐसी टेकनीक लेकर आए हैं. जिससे आपकी आइसक्रीम (Icecream) जल्दी नहीं पिघलेगी और आपका टेस्ट भी खराब नहीं होगा. क्योंकि अब गर्मियों में भी आइसक्रीम ना पिघलने का सीक्रेट साइनटिस्ट (scientist) ने पता लगा लिया है. जो आज हम आपको भी बताएंगे.
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आइसक्रीम जल्दी ना पिघले इस पर कोलंबिया यूनिवर्सिटी (colambia university) के कनाडियन (canadian) रीसरचर्स (researhers) ने एक ऐसा तरीका ढूंढा है. जिससे आइसक्रीम धीरे-धीरे मेल्ट होगी. रीसरचर्स (researhers) ने रीसर्च के दौरान ये रीपोर्ट जारी कि है कि केले के पेड़ में पाया जाने वालर सेलूलोज फाइबर (cellulose fiber) आइसक्रीम (ice-cream) को पिघलने से रोक सकता है. इतना ही नहीं, ये आइसक्रीम को लंबे समय तक खराब होने से भी बचाता है. इस फाइबर से अब आइसक्रीम की क्रीम और बनावट को पहले से भी बेहतर किया जा सकता है.
रीसरचर्स का मानना है कि केले के पेड़ से निकलने वाला सेल्युलोज, नैनो फाइबर्स (nano fibers) बेकार जाता है. इस फाइबर का इस्तेमाल आइसक्रीम को बेहतर बनाने में मदद कर सकता हैं. इस फाइबर को खासतौर से मोटी लेयर और ज्यादा टेस्टी आइसक्रीम बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. जिससे आइसक्रीम लंबे टाइम तक नहीं पिघलेगी. इससे लोग आराम से लंबे टाइम तक आइसक्रीम का मजा लेते हुए इसे खा सकते हैं. यहां तक की गर्मियों में भी आइसक्रीम का मजा लंबे टाइम तक लिया जा सकेगा.
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वैसे तो इसकी रीसर्च काफी टाइम से की जा रही थी, कि आइसक्रीम को तेजी से पिघलने से कैसे रोके जाए. तो, इसके लिए रीसरचर्स ने पेड़ के तने के तने से सेलूलोज़ (cellulose) और स्ट्रॉबेरी (stawberry) से पॉलीफेनॉल कंपाउंड (polyfenol compound) निकाल कर इस्तेमाल किया. बता दें, केले के पेड़ से निकलने वाला सेलूलोज़ फाइबर इंसानों के बालों से भी हजार गुना पतला होता है. इसीलिए इसे आसानी से आइक्रीम में मिलाया जा सकता है.
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रीसरचर्स ने ये भी पाया है कि आइसक्रीम में फाइबर मिलाने से आइसक्रीम का पिघलना पहले के मुकाबले कम हो चुका है. रीसर्च में ये भी पाया गया कि सेलूलोज फाइबर से ठंडे और गर्म मौसम के हिसाब से आइसक्रीम के खराब होने के चांसिज भी कम हो गए हैं. इसके अलावा ये आइसक्रीम लो फैट (low fat) और ज्यादा क्रीमी (creamy) भी हो गई है. साथ ही इसकी शेप में भी बदलाव आ गया है. हालांकि रीसरचर्स इस पर और ज्यादा काम करते हुए आइसक्रीम में मौजूद फैट को कम करने पर काम कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau