जब एक बच्चा बड़ा होता है, तो उसमें शारीरिक के साथ-साथ कई मानसिक बदलाव भी पेश आते हैं. ऐसे में ग्रोइंग ऐज में अच्छा पालन-पोषण बहुत जरूरी है. ताकि बच्चे न सिर्फ हर तरह से मजबूत हों, बल्कि वो बन सकते जो वो चाहते हों. मगर दुर्भाग्य हैं कि ज्यादातर माता-पिता के पास अपने बच्चों के पालन-पोषण की सही शैली ही नहीं है. उन्हें मालूम ही नहीं कि बच्चों को बेहतर जीवन कैसे दिया जाए. यही अज्ञानता आगे चलकर बच्चों के लिए बहुत बड़ी परेशानी साबित होती है...
ऐसे में एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर सही वक्त पर बच्चों के पालन-पोषण शैली की आदत बदल दी जाए, जो भविष्य बेहतर हो सकता है. साथ ही एक्सपर्ट्स कुछ खास चीजों का जिक्र करते हैं, जिसमें सुधार ला कर स्थिति बेहतर की जा सकती है.
अत्यधिक आलोचना: टोका-टोकी की समस्या बच्चों पर गलत असर डालती है. दरअसल बार-बार बच्चों को ये मत करो, वो करो कहना भी उनके दिमाग पर बुरा प्रभाव डालता है. बस यही नहीं, बल्कि बच्चों को "बेवकूफ या मूर्ख" जैसे नामों से बुलाना भी, उनेक लिए नुकसानदायक है. अक्सर बच्चों के दिमाग में ये बाते बैठ जाती हैं, वो बड़े होकर अपने निर्णयों पर खुद सवाल उठाने लगते हैं. उन्हें हमेशा गलत होने का डर सताता है, जिस वजह से वो विकास नहीं कर पाता.
अत्यधिक नियंत्रण: बच्चों को अत्यधिक सुरक्षा या अत्याधिक नियंत्रण देना भी गलत साबित हो सकता है. मसलन बच्चे अगर खुद निर्णय लेना नहीं सीखेंगे, तो फिर आगे चलकर उन्हें कई तरह से परेशानी होगी. ऐसे में प्रयास करें कि बच्चे को प्रयोग करने और ग़लतियां करने की आज़ादी दें, उन्हें कुछ चीजों में खुद से फैसला लेने दें. साथ ही कोशिश करें कि बच्चों की समस्याओं का समाधान तलाशें और उनके कौशल को निखारें. ताकि बच्चे मानकिस तौर पर मजबूत बनें और आगे चलकर खुद से फैसले लें.
Source : News Nation Bureau