Parenting tips: ऐसा कहा जाता है कि बच्चे कच्ची मिट्टी के घड़े जैसे होते हैं, जिनको कोई भी आकार दिया जा सकता है. बचपन में उनके माता-पिता उन्हें जैसे संस्कार देते हैं वो जीवन भर उनका अनुसरण करते हैं. बचपन में मिली सीख और परवरिश की झलक उनके व्यक्तिव पर ताउम्र रहती है. ऐसे में उन्हें अगर अच्छे संस्कार और आदतें सिखा दी जाएं तो 100 प्रतिशत गारंटी है कि आपके बच्चे की हर तरफ तारीफ होगी. बच्चों में अच्छी या बुरी आदतों की शुरुआत बचपन से ही हो जाती है. माता-पिता को बचपन से ही इस पर ध्यान देना शुरु कर देना चाहिए, क्योंकि बचपन में डाली गई अच्छी आदतें आपको आगे शर्मिंदा नहीं होने देती. तो आइए जानते हैं ऐसी 7 अच्छी आदतें जिन्हें आपको अपने बच्चों को छोटी उम्र में ही सिखा देना चाहिए.
जल्दी सोने-उठने की आदत
अपने बच्चों में एक निश्चित समय पर सोने और सुबह जल्दी उठने की आदत डालना बहुत अच्छी बात है. बच्चे समय से सोते हैं और समय से उठते हैं तो उनका माइंड भी दिन भर एक्टिव रहता है. एक्टिव माइंड काफी क्रिएटिव और एनर्जेटिक होता है.
बड़ों का सम्मान
अपने बच्चों को सिखाएं कि वो अपने से बड़ों का सम्मान करें. अपने बड़े भाई-बहन और घर के बुजुर्गों को पलट कर जवाब ना दें. हमेशा सभी से प्यार और विनम्रता से बात करें.
मेहनत करना सिखाएं
सफलता का कोई शॉर्ट कट नहीं होता. अच्छा मुकाम हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करना जरूरी है और यह आदत आप अपने बच्चों में डालें. उन्हें बचपन से ही मेहनत करना सिखाएं. खुद भी उनके सामने किसी तरह की शॉर्ट कट का प्रयोग ना करें.
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किताबें पढ़ने की आदत डालें
बच्चे जैसा बड़ों को करते देखते हैं वैसा ही सीखते हैं. बेशक आपके बच्चे एकदम से किताब पढ़ने की आदत विकसित नहीं कर सकते, इसके लिए आपको उनके सामने खुद किताब पढ़ने की आदत डालनी होगी. आपको देखकर आपके बच्चे भी किताब पढ़ने की हैबिट बनाएंगे.
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खुद का काम करना सिखाएं
अपने बच्चों में उनका खुद का काम करने की आदत डालना चाहिए. जिससे आपको भी मदद मिलेगी और वह भी अपने काम के प्रति जिम्मेदार बनेंगे. जैसे उनका बैग उन्हीं से लगवाएं, उनका टिफिन खुद को लगाने दें, उनके जूते चप्पल जगह पर रखने की सीख दें आदि.
समय की कद्र करना सिखाएं
बच्चों को समय की कद्र करना सिखाएं. उन्हें यह सिखाएं कि समय को बिना वजह यहां-वहां बर्बाद ना करें. अपने समय का सद्उपयोग अच्छे कामों में या फिर कोई चीज सीखकर करें.
सॉरी और थैंक्यू बोलना सिखाएं
बहुत से बच्चे थैंक्यू बोलना तो जानते हैं, लेकिन अपनी गलती पर उन्हें सॉरी बोलने में शर्म आती है या फिर उन्हें खुद का अपमान महसूस होता है. अगर आप बचपन से ही उनमें सॉरी और थैंक्यू बोलने की आदत डालेंगे तो उनके दिमाग में इस तरह की कोई भी बात नहीं आएगी.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Source : News Nation Bureau