Parenting Tips: 5 साल का होते-होते बच्चे को सिखा दें ये बातें, हर तरफ होगी तारीफ

जैसे ही बच्चा सालभर में चलने और बोलने लगता है. उसे कुछ ना कुछ सामाजिक चीजों को सिखाना शुरू कर देना चाहिए. अगर आपका बच्चा 5 साल तक भी इन चीजों को नहीं सीख रहा तो मतलब आप पैरेंटिंग के मामले में काफी पीछे हैं.

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Priya Gupta
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Parenting Tips: वक्त के साथ-साथ हर चीज बदलता है, चाहे वो इंसान हो या इंसान की सोच रहने का तरीका सोचने का तरीका. देखा जाए तो 10 साल पहले ही जिंदगी और आज की लाइफ में काफी फर्क है. ऐसे में आज के समय में आने वाले बच्चे भी पहले के बच्चों की तरह नहीं नहीं होंगे. जब बच्चे पहले की तरह नहीं होंगे तो उनकी परवरिश भी पहले की तरह नहीं आज  की तरह होनी चाहिए. पहले जॉइन्ट फैमिली में बचे आसानी से पल जाते थे लेकिन आज का समय काफी अलग हो चुका है, आज पैरेंटस जॉब करते हैं माता-पिता दोनों नौकरी में होते हैं तो परिवार और जॉब दोनों को मैनेज करना होता है. ऐसे में पैरेटिंग को लेकर इन टिप्स को जरूर फॉलो करें.

जैसे ही बच्चा सालभर में चलने और बोलने लगता है. उसे कुछ ना कुछ सामाजिक चीजों को सिखाना शुरू कर देना चाहिए. अगर आपका बच्चा 5 साल तक भी इन चीजों को नहीं सीख रहा तो मतलब आप पैरेंटिंग के मामले में काफी पीछे हैं क्योंकि 5 साल के बच्चे को इन चीजों को जरूर सिखा देना चाहिए. 

बच्चे को 5 साल की उम्र में ही मैनेर और अच्छी आदत सीखानी चाहिए जैसे थैंक्यू, प्लीज, एक्यूज मी जैसे गुड मैनर वाले शब्द सिखा देने चाहिए. बच्चे को इन शब्दों का सही इस्तेमाल आना चाहिए. 

चीजें शेयर करना और देखभाल

बच्चे जब ग्रुप में खेलने जाए तो उन्हें एक दूसरे के साथ खिलोने शेयर करना चाहिए. एक दूसरे की केयर करना सिखाएं. ये बच्चों के अंदर अच्छी आदत की तरह है. शेयर करने की आदत होने से बच्चा सोशल होता है. 

बच्चों का हायजीन के बारे में सीखाए

बच्चे को हर दिन नहाने, ब्रश करने, हाथ गंदे होने पर हैंड वॉश जैसे बेसिक हाइजीन की आदत डाले. 5 साल तक के बच्चे इतने बड़े हो जाते हैं कि वे अपना खुद से कर सके. 

सॉरी कहना

बच्चों के अंदर इगो और घमंड न आए इसके लिए उन्हें अपनी गलती मानना सीखाए.  गलती मानना, किसी को चोट या दुख पहुंचाने पर माफी मांगना, सॉरी कहना बच्चे को बचपन में ही सिखा देंय

धैर्य रखना

किसी भी चीज को लेकर धैर्य रखना सीखाए,  क्योंकि बच्चे अक्सर किसी चीज को देखते हैं तो उनके मन में लेने की जिद होती है. ऐसे में उन्हें शुरू से जिद करने से रोके और बात मानने की आदत डालें.

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Source : News Nation Bureau

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