नींद का हल्का गुलाबी सा ख़ुमार आंखों में था, यूं लगा जैसे वो शब को देर तक सोया नहीं... मुनीर नियाज़ी का ये मशहूर शेर सुनकर आपके अंदर का शायर भी जरूर हिलोरे मार रहा होगा, लेकिन ये जान लें कि भले ही इस शेर का एक-एक लफ्ज़ मोहब्बत में मसरूफ नज़र आ रहा होगा, मगर असल मायने में ये आंखों के उस दर्द को बयान करता है, जिसे हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं.
मुनीर नियाज़ी ने अपने इस शेर में आंखों में गुलाबी ख़ुमार होने का जिक्र किया है, लेकिन क्या वाकई में आंखों का गुलाबी होना सही है? इसका सीधा जवाब है- नहीं. दरअसल आंखों का गुलाबी होना एक तरह की मेडिकल कंडिशन है, जिसे हम आम भाषा में पिंक आईज के नाम से जानते हैं, वहीं मेडिकल भाषा में इसे कहा जाता है (conjunctivitis causes) कंजंक्टिवाइटिस. बता दें कि ये एक गंभीर समस्या है, जिसमें आंखों का सफेद रंग वाला हिस्सा गुलाबी या लाल हो जाता है.
आमतौर पर पिंक आईज की ये दिक्कत गर्मी के दिनों में वायरल संक्रमण के कारण होती है. इसमें आंखों में दर्द, चिपचिपाहट और अजीब सी खुजली होती है, जिससे हम परेशान होने लगते हैं. हालांकि अच्छी बात ये है कि इसके कारण दृष्टि से संबंधित विकारों के विकसित होने का खतरा नहीं होता है (Viral conjunctivitis symptoms), लेकिन ये आपको ये पता होना चाहिए कि पिंक आईज या फिर कंजंक्टिवाइटिस की यह समस्या संक्रामक भी हो सकती है, यानी कि संक्रमित व्यक्ति से इसके दूसरे असंक्रमित व्यक्ति तक फैलने के आसार हैं. ऐसे में सही ये रहेगा कि समय रहते इसके लक्षणों पर ध्यान दें और उपचार आवश्यक प्राप्त करें.
पिंक आईज होने का क्या है कारण?
पिंक आईज या फिर कंजंक्टिवाइटिस, पलकों और आईबॉल को कवर करने वाली पारदर्शी झिल्ली में होने वाली सूजन की समस्या को कहते हैं. इस पारदर्शी झिल्ली को मेडिकल की भाषा में कंजंक्टिवा कहा जाता है, जब कंजंक्टिवा में छोटी रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं तो आंखों का सफेद भाग लाल या गुलाबी दिखाई देने लगता है, जिस कारण इसे कंजंक्टिवाइटिस के नाम से जाना जाता है(Conjunctivitis eye drops).
जान लें पिंक आईज के लक्षण
पिंक आईज होने पर आंखें सुर्ख लाल या गुलाबी होने लगती है. साथ ही जलन-चुभन और दर्द भी होता है. एक या फिर दोनों ही आंखों में लाली, खुजली या किरकिरापन, चिपचिपाहट होती रहती है. कई बार सुबह के समय भी आंखें चिपक जाती हैं, जिसे खोलने में दिक्कत महसूस होती है. कई बार पिंक आईज की इस परेशानी में लोगों को प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता का भी अनुभव होता है. तेज धूप-रोशनी में आपकी दिक्कतें और बढ़ने लगती हैं.
खैर, ऐसे में ये याद रखें कि आंखों की कुछ गंभीर स्थितियों में भी ऐसी परेशानियां पेश आ सकती हैं, लिहाजा जब कभी आप इस तरह के लक्षणों का अनुभव करें, तो तत्काल प्रभाव से किसी डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
Source : News Nation Bureau