मनुष्य के लिए कनेक्शन महत्वपूर्ण हैं, सच तो ये है आजकल हम कनेक्शन्स (Reconnections with old friends) के सहारे ही जी रहे हैं लेकिन क्या होता है जब कनेक्शन टूट जाते हैं और लोग जीवन में अलग-अलग दिशाओं में आगे बढ़ते हैं? यह किसी रिश्तेदार या दोस्त के साथ भी हो सकता है. कोई व्यक्ति जिसके साथ आप स्कूल में पढ़ते थे, या कॉलेज में साथ थे, अब वो किसी दूसरे शहर या देश में चला गया है. आपने संपर्क खो दिया है और अब व्यावहारिक रूप से अजनबी हो गए हैं. ऐसे में ये नेचुरल है कि आपको उस व्यक्ति की ज्यादा से ज्यादा याद आएगी, और ये आपके लिए अच्छी भावना नहीं हैं.
इंस्पिरेशनल स्पीकर देविना कौर के मुताबिक, एक दोस्त को खोने से उतना ही दुख हो सकता है जितना एक रिलेशनशिप में अलग होने पर. लेकिन, अगर आप उस दोस्त से वापस पहले जैसा संपर्क बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आज हम आपको कुछ टिप्स देते हैं.
ज्यादा एक्सपेक्टेशन न रखें
देविना कौर के मुताबिक, अपने किसी पुराने दोस्त से मिलने की तुलना में किसी नए व्यक्ति से मिलना बहुत आसान है. उन्होंने आगे बताया, सुनिश्चित करें कि उनसे बहुत सी चीजों की अपेक्षा न करें क्योंकि आप उनसे लंबे समय से संपर्क में नहीं हैं. ऐसे में आप उनसे यह उम्मीद तो बिल्कुल न रखें कि पहली की तरह वो आपके जीवन के बारे में सब सुनेंगे और आपको सहानुभूति दिखाएंगे. धैर्य रखें और अपने और दूसरों के प्रति दयालु रहें.
कुछ गंभीर करने से पहले, उन पिछली यादों पर भरोसा करें जिनका आप दोनों हिस्सा थे. अपनी मूर्खता और पल पल की मासूमियत पर हंसें. यादें आपको तनावमुक्त करेंगी और बेचैनी और तनाव को दूर करने में मदद करेंगी.
एक दूसरे की बातों में दिलचस्पी लें
अधिक प्रश्न पूछें और अपने जीवन के बारे में भी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार रहें. उनके जुनून, परिवार और शौक में दिलचस्पी लें. यदि आपसी हित है, तो भविष्य में उस जगह मिलने का सुझाव बनाएं जहां आप दोनों सहज हों.
पुरानी बातों को भूला दें
कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन गलत था, उन पुराने मुद्दों को हल करने का प्रयास करें जिनके कारण आप दोनों का संपर्क टूट गया. आरोप-प्रत्यारोप के खेल में न पड़ें और मामले को परिपक्व तरीके से सुलझाने का प्रयास करें. रिश्ते में ईमानदार रहें, यदि आप इस मित्रता को जारी रखना चाहते हैं तो एक मजबूत नींव का निर्माण आवश्यक है.
एक बार जब आप एक साथ हंसना बोलना फिर से शुरू कर देंगे तो आप ये भूल जाएंगे कि दोबारा से संपर्क जोड़ना इतना भी कठिन नहीं है. बस हम अपने दिमाग में ये विचार धारण कर लेते हैं कि लंबे समय बाद कैसे बात करेंगे, इसलिए आपको सब कठिन लगने लगता है.
Source : News Nation Bureau