Richest Royal Families in India: आलीशान महल, छालरो से सजी सवारी, आगे पीछे घूमते दास दासिया और शाही कपड़े किसी जमाने में राजा रानी की शान होती थी. रियासतों से बने भारत में पहले एक नहीं बल्कि ऐसे कई शाही परिवार थे जो रुतबे से जीते थे और प्रजा पर अपना काबू रखते थे. हालांकि भारत की आजादी के बाद राजतंत्र की जगह लोकतंत्र ने ले ली, लेकिन इन राजघराने का दामन प्रजा ने कभी नहीं छोड़ा. फिर चाहे वो हैदराबाद नवाब रहे हो या हरियाणा के पटौदी, इन रॉयल फैमिलीज़ की लेगसी और शाही ठाठ बाट आज भी बरकरार है. ऐसे में चलिए आज आपको भारत के कुछ ऐसे शाही घरानों (Richest Royal families in India) के बारे में बताते हैं जिनकी ज़िन्दगी आलीशान महलों में गुजर रही है.
1) सबसे पहले बात करते हैं बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता और पटौदी खानदान के वारिस सैफ अली खान की, जिनके पूर्वज कभी पटौदी किंगडम (Pataudi Clan) पर राज़ करते थे और रइसी ठाठ बाट से अपनी जिंदगी जीते थे. करोड़ों की जायदाद के मालिक सैफ अली खान, नवाब मंसूर अली खान और शर्मिला टैगोर के बेटे हैं. इनके पिता कभी भारत के लिए क्रिकेट खेलते थे और टीम के कैप्टन हुआ करते थे और टाइगर नवाब के तौर पर भी काफी लोकप्रिय थे. लेकिन साल 2011 में इनके गुजर जाने के बाद गद्दी पर बैठने वाले दसवें नवाब सैफ अली खान बने जो पटौदी की लगभग 5000 करोड़ की प्रॉपर्टी के वारिस बन गए. आज पटौदी पैलेस से लेकर भोपाल, हरियाणा तक कई एक्स्पेन्सिव प्रॉपर्टीस इनके नाम है. ये एक लक्ज़री लाइफस्टाइल से अपनी जिंदगी जीते हैं.
2) द रॉयल फैमली ऑफ़ जयपुर (Royal Family of Jaipur) गुलाबी शहर की चकाचौंध में एक राजपूती घराना ऐसा भी है जो केवल शोहरत ही नहीं बल्कि अपने सेलेब स्टेटस के लिए भी जाना जाता है. इनके वंश की बाग़डोर आज पद्मनाभ सिंह के हाथ जरूर है. लेकिन कभी भवानी सिंह इस परिवार की मुखिया हुआ करती थी और जयपुर में उनके नाम का बोल भाला हुआ करता था. साल 2011 में उनकी मौत के बाद उनकी बेटी के बेटे पद्मनब सिंह महाराजा के तौर पर गद्दी पर बैठे और तभी से वह दुनिया के लिए किंग कम सेलेब्रिटी बन गए. शाही राजा होने के साथ पोलो और फॅशन में उनका इन्ट्रेस्ट इतना ज्यादा रहा. नेशनल लेवल पोलो प्लेयर और फॅशन मॉडल की तरह लोगों के सामने आए और शाही राजा होने के अलावा एयर बी एन बी के साथ पार्ट्नरशिप करने के लिए जाने गए. ये इनके बिज़नेस सेंस और रॉयल प्रॉपर्टी का ही जादू है की वो इतने सालो तक अपने रॉयल फैम्ली और राजपूती शान को मेंटेन करने में सफल रहे हैं.
3) हॉउस ऑफ़ भोसले (Bhonsale Dynasty), महाराष्ट्र की सर जमीन पर राज़ करने वाले मराठा छत्रपति शिवाजी महाराज अब इतिहास का हिस्सा है, लेकिन उनके वंशजों का महाराष्ट्र में अभी भी एक अलग रुतबा है. ये नागपुर, कोल्हापुर से लेकर मुढ़ोल सावंत वाड़ी और तंजोर में बड़ी ही शान से रहते है और इन्हीं में से सबसे पॉपुलर भोसले शाही घराना है जिनके मुखिया उद्यान राज्य है. ये अपने आप को शिवाजी महाराज के वंशज मानने के साथ छत्रपति के तेरहवे टाइटल होल्डर मानते है. लाखों करोड़ों की दौलत के मालिक होने के साथ साथ ये एक पोलिटिकल पार्टी के भी सदस्य हैं. जनता ना केवल नेता के तौर पर इन्हें प्यार देती हैं बल्कि छत्रपति के वंशज के तौर पर भी इनका काफी सम्मान करती हैं.
4) द रॉयल फैमली ऑफ़ बीकानेर, बीकानेर के मशहूर लालगढ़ फ़ोर्ट का जिक्र तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन अब ये नहीं जानते होंगे की इस खूबसूरत आर्किटेक्चर की मिल्कियत राज्य श्री कुमारी के हाथों है. ये महाराजा कर्णी सिंह और महारानी सुशीला कुमारी की बेटी है. और भारत की शार्प शूटर भी रही है. अपने हुनर के चलते ही सरकार से इन्हें अर्जुन अवार्ड भी मिल चुका है और 16 साल की उम्र में ही कई बुक पब्लिश कर या ऑथर भी बन चुकी है. राज्य श्री कुमारी को आज एक स्ट्रांग इंडिपेंडेंट वीमेन की तरह देखा जाता है, जिनकी शान और सम्मान के आगे कई बड़ी हस्ती जी हुजूरी करते नजर आते हैं. इन्होंने अपने महल के एक छोटे से हिस्से को हेरिटेज म्यूज़ियम भी बनाया है ताकि टूरिस्ट भी उनके पूर्वजों के इतिहास और लक्ज़रीस लाइफ स्टाइल से रूबरू हो सके.
5) द रॉयल फैमली ऑफ़ जोधपुर (Royal Family of Jodhpur) उमेद भवन का जिक्र शायद आप में से कई लोगों ने सुना हो. जी हाँ, ये वही महल है जहाँ प्रियंका चोपड़ा जैसे कई सेलेब्स शादी रचा चूके है. लेकिन बहुत कम लोग जानते है की शाही महल का मालिकाना हक महाराज गज सिंह के पास है जो राठौर परिवार के वंश से संबंध रखते है. आज भी जोधपुर के इस राज़ घराने को भारत के सबसे शाही परिवार का दर्जा दिया जाता है. कई बड़े लक्ज़री होटेल्स और पैलेसिस के साथ ये दुनिया का इकलौता ऐसा परिवार है जो इतना बड़ा प्राइवेट रेजिडेंस ओन करता है. गज सिंह अपने परिवार के साथ आज भी उमेद भवन में ऐशो आराम की ज़िन्दगी काट रहे है. इसके कई हिस्सों को टूरिस्ट के लिए खोला गया है. साथ ही जोधपुर का मेहरानगढ़ फोर्ट भी इनकी प्रॉपर्टी का हिस्सा है.
6) द गायकवाड्स ऑफ़ बरोड़ा (Gaekwads of Baroda) 18वीं शताब्दी तक भारत के बरोड़ा पर एक ही राज़ परिवार का शासन चलता था और वो थे गायकवाड्स भव्य महल और आगे पीछे घूमने वाले नौकर चाकर के साथ इस राजस्व परिवार का अलग रुतबा था. आज भले ही इनका प्रजा के ऊपर दबदबा खत्म हो चुका है, लेकिन 20,000 करोड़ की पुश्तैनी संपत्ति के साथ राइसी ने इनका साथ नहीं छोड़ा है. गायकवाड़ परिवार के मुखिया समरजीत सिंह गायकवाड़ इस शाही वंशावली के वारिस है और 2000 एकड़ की जमीन के साथ एक आलीशान लक्ष्मी विला भी उनके नाम है. 170 कमरे वाले इस महल में समरजीत सिंह अपने परिवार के साथ रहते है और इस विला को उन्होंने सभी मॉडर्न टेक्नोलॉजी से लेस्स बनाया है. एलीवेटर से लेकर गोल्फ कोर्स तक महल के पास में सभी फसिलिटी बिल्ड अप है ताकि उनके परिवार के शाही शौक में किसी तरह की कमी ना आये.
7) द रॉयल फैमली ऑफ़ राजकोट, अरबों की जमीन जायदाद के साथ राजकोट शाही घराना इकलौता ऐसे परिवार है जिसने अपने पुरखों की संपत्ति को लक्ज़ुरियस होटेल्स में तब्दील करने के बजाय करोड़ों के हाइड्रो पावर प्लांट और बायोफ्यूल डेवलपमेंट में लगाया है. लेकिन फिर भी इनकी अरबों की संपत्ति में कोई कमी नहीं आई है. अपने शाही लेबाज़ में ये आज भी अठर्वी शताब्दी के राजा महाराजाओं से कम नहीं लगते है और रोल्स रॉयस जैसी लक्ज़रीस गाड़ियों में घूमते है. इस परिवार के मुखिया युवराज मन्धत सिंह जडेजा है जो की बिज़नेस संभालने के साथ अपनी राज़ घराने की परंपरा को भी बखूबी निभाना जानते है. ये डेवलपमेंट को लेकर इतना काम कर चूके है की गुजरात में भी इनके हाइड्रोप्लांट्स देखने को मिलते है. कई प्लांट्स को तो इन्होंने अमेरिकन कंपनी के साथ पार्टनरशिप में भी खोला है.
8) द रॉयल फैमली ऑफ़ अल्सिसर (Alsisar Royal Family) राजस्थान का इतिहास शाही राजा महाराजाओं से इस कदर जुड़ा हुआ है की यहाँ हमें खत्री साम्राज्य के बचे हुए वंशज अलसीसर भी मिलते है. भले ही इस परिवार की शानो शौकत जग ज़ाहिर नहीं है लेकिन इनकी रईसी का अंदाजा इस बात से लगा सकते है की जयपुर और रणथम्भोर में कई दिलनशी हवलिया इनके नाम है. इस परिवार के मुखिया अभिमन्यु सिंह है जो कई प्रॉपर्टीस बिज़नेस और होटेल्स के मालिक है. ये इनकी शोहरत ही है, जिसके चलते कुछ लोग इन्हें पार्टी प्रिंट्स ऑफ़ इंडिया कह कर भी बुलाते है.
9) द डायनास्टी शाही घरानों की बात हो और डायनास्टी का नाम ना आये ऐसा कैसे हो सकता है? इतिहास उठा कर देखे तो ये भगवान श्री कृष्ण के ऊंची वंश से जुड़े हुए हैं. मैसूर में इनका नाम आज भी सम्मान से लिया जाता है और वहाँ के शाही महल में इनके खूबसूरत सिंहासन को बड़े ही अदब से सजाया गया है. पहले सिंहासन के मालिक श्रीकांता दत्ता हुआ करते थे जो साल 2013 में दुनिया को अलविदा कह गए और उनके बाद ये सिंहासन कृष्ण दत्ता चम राजा वदियार के नाम हो गया. जून के गोद लिए बेटे थे. आज लगभग 10,000 करोड़ की संपत्ति के साथ कृष्णा दत्ता एक पढ़े लिखे महाराज है. इनकी रईसी, मर्यादा और शाम में आज भी कोई कमी नहीं आई है. अपनी मर्यादा को कायम रखते हुए ये एक बिज़नेस क्लॉथ ब्रांडी रॉयल सिल्क ऑफ़ मैसूर के मालिक भी है.
10) द मेवार डायनास्टी (Royals of Mewar) जीते जी मुगलों के छक्के छुड़ा देने वाले सुरवीर राजा महाराणा प्रताप जितनी शान और बहादुरी से अपना जीवन जीते थे, उन के वंशज भी कुछ उसी शानो शौकत से महलों में रहते है. मेवा डायनास्टी से मशहूर महाराणा प्रताप की ये वंशावली सदियों पुरानी है. अब आज महाराणा प्रताप तो नहीं है लेकिन छत्तरवें वंशज अरविन्द सिंह मेवार ने उनकी लेगसी को बरकरार रखा हुआ है. उदयपुर के एक आलीशान महल में रहने के अलावा ये जनाब एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन है और साथ ही हेच. आर हेच ग्रुप ऑफ़ होटेल्स के मालिक भी है. कई महलों के मालिक होने के साथ इनके पास अपने पूर्वजों की विंटेज कार का कलेक्षन भी है. आज भी लोगों के बीच इनकी वो शान है कि इन्हें जनता सलाम ठोकती है. मानना पड़ेगा कि भारत के इन शाही घरानों के वारिस चांदी की चम्मच के साथ पैदा हुआ है. जहां आप और हम एक नौकरी से घर चलाते हैं, वही करोड़ों की संपत्ति वाले इन शाही घरानों को काम करने की जरूरत नहीं है. ये आज भी बिना रियासत के राजा महाराजा वाले ठाठ बाट में रहते हैं.
Source : News Nation Bureau