हम अक्सर अच्छे और डरावने सपने देखते रहते हैं. अगर सपने अच्छे हों तो मूड अच्छा हो जाता है. वहीं डरावने सपने परेशान करने वाले होते हैं और ऐसे सपने अक्सर याद रह जाते हैं. कभी-कभी इन सपनों की वजह से नींद भी टूट जाती है और पूरा दिन खराब गुजरता है. वहीं इन सपनों को याद कर मन में भय भी पैदा हो जाता है. आखिर सपने क्यों आते हैं और कहीं इसके कारण आप बीमारियों के शिकार तो नहीं हो रहे. हालांकि, इसको लेकर हमेशा से ही कई प्रकार के शोध होते रहे हैं. हाल ही में इसपर एक शोध हुई जिसमें डरावने सपने के पीछे कुछ वजहें सामने आई है.
हाल ही में Lancet’s eClinical Medicine Journal में एक शोध प्रकाशित की गई. इस शोध के अनुसार, डरावने सपने असल में मानसिक स्थितियां हैं. जी हां, इस शोध के अनुसार, डरावने सपने देखने का मतलब भविष्य में आने वाली गतिविधियां नहीं हैं बल्कि, बढ़ते उम्र के साथ आप किन बीमारियों के शिकार हो सकते हैं.
क्या कहती है डरावने सपनों को लेकर ये शोध
शोध के अनुसार, किसी इंसान में डरावने सपनों का सफर बचपन में ही शुरू हो जाता है. यानी 7 साल की उम्र से 11 साल की उम्र तक अगर बच्चे नियमित रूप से बुरे सपने देखते हैं या सोते हुए डरते हैं तो 50 वर्ष की आयु आने तक उसके मानसिक स्थिति पर इसका बुरा असर पड़ सकता है. यानी कि सोचने और समझने की क्षमता पूरी तरह से प्रभावित हो सकती है. इससे पार्किंसंस (Parkinson’s disease) और डिमेंशिया (dementia) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.
यह भी पढ़ें: डायबिटीज और अंधेपन का कनेक्शन- ये सावधानियां बचा सकती है आंखों की रोशनी
हालांकि बार-बार डरावने सपनों का आना भी काफी हद तक आनुवंशिकी विरासत है. ये बीमारी एक जीन से भी जुड़ा हुआ है. इतना ही नहीं बार-बार डरावने सपनों का आना आगे चलकर यानी बढ़ते उम्र के साथ होने वाली समस्या भी है. अगर आप अक्सर डरावने सपने से परेशान रहते हैं तो आपके भी भविष्य में अल्जाइमर रोग से पीड़ित होने का खतरा बढ़ जाता है. ये बुरे सपने और प्रगतिशील मस्तिष्क रोग दोनों ही जीनों के साझा सेट के कारण होता है.
बता दें कि हमेशा बुरे या डरावने सपने का आना खराब मानसिक सेहत का संकेत नहीं है. ये कई बार नेगेटिव थिंकिंग की वजह से भी आते रहते हैं. यानी कि अगर आप ज्यादा नेगेटिव थिंकिंग (नकारात्मक विचार) रखते हैं और लगातार आप बुरा सोचते हैं तो ये बुरे सपने के रूप में आपको परेशानियां उत्पन्न कर सकती है.