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शरीर को बनाना हो लचीला या दूर करनी हो नपुंसकता, करें सिर्फ ये एक आसन

आजकल जीवनशैली में बदलाव और अन्य बहुत से कारणों से हमें तमाम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खासतौर से आफिस में लगातार बैठने आदि से प्रोडक्टिव अंगों में भी समस्या आती है.

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Apoorv Srivastava
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rajkapot( Photo Credit : News Nation)

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योग के तमाम आसन आजकल लोग करते हैं और उनसे तमाम बीमारियों में लाभ भी मिलता है लेकिन शरीर को लचीला बनाने के लिए, सुडौल बनाने के लिए, नपुंसकता दूर करने के लिए और महिलाओं के रोग दूर करने के लिए एक आसन बहुत ज्यादा कारगर है. ये आसन है राजकपोत आसन. योगाचार्य बबिता मौर्य कहती हैं कि आजकल जीवनशैली में बदलाव और अन्य बहुत से कारणों से हमें तमाम स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. खासतौर से आफिस में लगातार बैठने आदि से प्रोडक्टिव अंगों में भी समस्या आती है. इसी वजह से इनफर्टिलिटकी आजकल, पुरुषों और महिलाओं, दोनों में बढ़ रही है.  

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अगर आप लंबे समय तक बैठ कर काम करते हैं तो आपको कमर से लेकर पैरों तक में समस्याएं आने लगती हैं. यही नहीं, ज्यादा देर तक बैठने और कम एक्टिव रहने से हमारे पाचन तंत्र पे भी विपरीत असर पड़ता है. इस कारण महिलाओं में पीसीओडी, पीसीओएस की समस्याएं भी हो जाती हैं. बबिता मौर्य ने बताया कि इन सभी समस्याओं को दूर करने में राज कपोत आसन का अभ्यास बहुत लाभकारी है. कपोत का मतलब होता है कबूतर. कबूतरों का जो राजा होता है वह छाती आगे करके बैठता है, उसी की स्थिति से राजकपोत आसन को लिया गया है. अंग्रेजी में इसे पिजन पोज़ कहते हैं.

यह मुख्यतः तीन तरीके से होता है-

  • एकपाद राजकपोत आसन
  • सुप्त राजकपोत आसन
  • पूर्ण राज कपोत आसन

क्या होते हैं इसके फायदे- 

इस आसन का अभ्यास आपके शरीर को लचीला बनाता है. यह गर्दन से लेकर आपकी जंघाओं तक को लचीला, मजबूत और सुडौल बनाता है. यह आसन आपके प्रोडक्टिव अंगों से जुड़े हार्मोन असन्तुलन को संतुलित करने में मदद करता है, साथ ही इन अंगों से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है.
राजकपोत आसन हाथों, कंधों, और छाती को मजबूती देता है और छाती को चौड़ा भी करता है और उसे सही आकार देने में भी मदद करता है. महिलाओं में ब्रेस्ट संबंधी समस्याओं को भी दूर करने में सहायक है. राजकपोत आसन पेल्विक एरिया में भी शक्तिवर्धन करता है और इससे जुड़ी समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है. यह हिप के फैट को दूर करने और लचीलापन लाने में सहायक है, साथ ही कमरदर्द में भी कारगर है. राजकपोत आसन पाचन तंत्र को भी मजबूती देता है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं भी दूर होती हैं. 

सावधानियां भी जरूरी

राजकपोत आसन करने से पहले कुछ सावधानियां भी बहुत जरूरी हैं. ध्यान रखें कि राजकपोत आसन एक एडवांस आसन है, इसलिए इसका अभ्यास शरुआती अभ्यास में न करें. इसका गलत अभ्यास आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए  बेहतर यही है आप इसे किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में करें. 
अपनी शारीरिक स्थिति के अनुसार की योगाभ्यास करें. घुटनों और कमर में समस्या होने पर इसे न करें. 

Source : News Nation Bureau

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