महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म होता है जिसे हम पीरियड्स भी कहते हैं. पीरियड्स लगभग 13-14 साल की उम्र से शुरू हो जाते हैं और 45-50 की उम्र के आसपास बंद हो जाते हैं. जब किसी भी महिला को पीरियड्स होना बंद होते हैं तो उसे मेनोपॉज कहा जाता है या फिर रजोनिवृत्ति. इस उम्र में अगर किसी महिला को एक साल तक पीरियड न होने को मेनोपॉज माना जाता है. हार्मोन में बदलाव की वजह से मेनोपॉज होता है. अब मेनोपॉज अपने साथ-साथ महिलाओं के लिए कई परेशानियां भी ले आता है. मेनोपॉज के कई लक्षण हैं जैसे हॉट फ्लैश, वेजाइना में सूखापन, नींद न आना, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन, वजन बढ़ना और मेटाबॉलिज्म कम होना, डिप्रेशन, बालों, त्वचा और अन्य टिश्यूज में बदलाव आदि. वैसे कुछ जड़ी-बूटियों का भी उपयोग हार्मोन के स्तर को संतुलित करने के लिए भी किया जाता रहा है.
हाल ही में एक खोज में यह पाया गया कि टमाटर का इस्तेमाल मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. शोध के मुताबिक 8 हफ्तों तक दिन में दो बार 200 मिलीलीटर टमाटर का जूस पीने से मेनोपॉज की तकलीफों को कम किया जा सकता है. टमाटर डिप्रेशन का इलाज करने में भी काफी असरदार हैं.हार्मोन में बदलाव की वजह से मेनोपॉज होता है.
कैसे फायदेमंद है टमाटर:
रिसर्च कहती है कि टमाटर ब्रेस्ट कैंसर और हृदय रोग की आशंका को भी कम करता है. टमाटर में लाइकोपीन नामक एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो दिल की सेहत के लिए जरूरी है. इतना ही नहीं टमाटर हड्डियों की सेहत में भी सुधार लाता है.
- मेनोपॉज के दौरान संतुलित आहार का सेवन करें। डाइट में शाकाहारी और फायबर से भरपूर चीज़ें लें .
- अपनी डाइट से सेचुरेटेड फैट, ऑइल और शुगर को कम करने के साथ कई प्रकार के फल, सब्जियां और साबुत अनाज को शामिल करें.
- डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और चीज़ भी अच्छी मात्रा में लें, ताकि शरीर को कैल्शियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, मैग्निशियम, विटामिन डी और विटामिन के मिल पाए.
- मेनोपॉज के दौरान वजन भी काफी बढ़ सकता है इसलिए एक्सरसाइज करना भी बेहद जरूरी है. दिन में कम से कम 40 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें.
हर महिला को अपनी सेहत का ख्याल रखना जरूरी है. उम्मीद है आपके लिए ये जानकारी फायदेमंद हो.
Source : News Nation Bureau