कोरोना के चलते वैसे ही बच्चों का पढ़ाई में मन नहीं लगता है. ऊपर से स्कूल बंद, ट्यूशन बंद, बाहर खेलना बंद इनके चलते वो बिल्कुल भी पढ़ाई करना पसंद नहीं करते है. जिसके चलते उनका दिमाग और धीरे काम करने लगता है. या ये कहें कि करता ही नहीं है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि उनका ख्याल इस तरह से रखा जाए कि उनके आस-पास पॉजिटिव एनर्जी स्प्रेड होती रहे. वो ऐसे होगी जब आप उनका स्टडी रूम सही डायरेक्शन में बनवाएंगे क्योंकि डायरेक्शन्स का बिहेवियर पर बहुत असर होता है.
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घर में नैचुरल लाइट होना बहुत जरूरी है. इसका मतलब सूर्य की रोशनी है ना कि बल्ब और ट्यूबलाइट वगैराह. सूरज की रोशनी घर में पॉजिटिविटी फैलाती है और पॉडिटिविटी को अट्रैक्ट करती है. इसलिए, बच्चों की पढ़ाई के कमरे में नैचुरल लाइट होना बहुत जरूरी है. ताकि बच्चों का मानसिक विकास अच्छे से हो सके और वो पॉडिटिव एनर्जी से भर जाएं.
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अब, इसके लिए कमरे में खिड़कियों का होना बहुत जरूरी है. जिससे कि सूरज की रोशनी अंदर आ सके. खिड़कियों से ही सनलाइट अंदर आएगी और पॉजिटिव एनर्जी फैलेगी. अब, अगर आप सोच रहे हैं कि स्टडी रूम को किस डायरेक्शन में बनवाएं. तो, बता दें खिड़कियों को ईस्ट या नॉर्थ डायरेक्शन में ही बनवाएं. वेस्ट डायरेक्शन में भी खिड़कियों को बनवाया जा सकता है. लेकिन, साउथ डायरेक्शन में खिड़कियों को बिल्कुल भी नहीं बनवाना चाहिए.