What is Borderline Personality Disorder - BPD: बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (Borderline Personality Disorder - BPD) एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है जो व्यक्ति की व्यक्तिगत स्थिति, भावनाएं, और संबंधों को प्रभावित करती हैं. इस रोग में व्यक्ति की सोचने, भावनात्मक प्रतिक्रियाएं, और आचरण में अस्तिरता होती हैं जो उसे अपने आत्म-मूल्यांकन और दूसरों के साथ सम्बंधों में कठिनाइयों का सामना करने पर मजबूर कर सकती हैं. यहां जानें BPD के मुख्य लक्षण.
कुछ मुख्य लक्षण:
* स्वभाविक रूप से बदलते मूड और आत्म-मूल्यांकन:
* व्यक्ति का मूड बहुत तेजी से बदल सकता है, और वह अपने आत्म-मूल्यांकन में अस्थिर हो सकता है.
* संबंधों में कठिनाईयां:
* बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों को दूसरों के साथ दृष्टिकोण में अस्थिरता और व्यक्तिगत संबंधों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है.
* अत्यधिक भय, अनिश्चितता, और उत्सुकता:
* व्यक्ति में अत्यधिक भय, अनिश्चितता, और उत्सुकता की भावना हो सकती है, जिससे उन्हें अपने आत्म-मूल्यांकन और रिश्तों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
* आत्महत्या संदेशना और आत्मघाती प्रवृत्ति:
* बार-बार आत्महत्या संदेशना और आत्मघाती प्रवृत्तियां हो सकती हैं, जिससे इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को जोखिम में डाल सकता है.
कारण:
* जीवन में उत्तराधिकारिता की कमी: युवावस्था में अनुभव की गई उत्तराधिकारिता की कमी इस रोग का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकती है.
* सामाजिक और परिवारिक समस्याएं: अधिकांश बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के पीड़ित व्यक्तियों के साथ कुशल संबंध नहीं होते और वे अक्सर सामाजिक और परिवारिक समस्याओं का सामना करते हैं.
* ब्रेन केमिकल्स की असंतुलन: मनोबल, विचार, और भावनाएं न्यूरोट्रांसमिटर्स नामक ब्रेन केमिकल्स पर निर्भर करती हैं, और इनकी असंतुलनता बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के कारण हो सकती है.
उपचार:
* सामागम चिकित्सा (Psychotherapy):
* डायलेक्टिकल बीहेवियरल थेरेपी (DBT): इसमें माइंडफुलनेस तकनीकें, संवाद, और उत्साहपूर्णता की तकनीकें होती हैं.
* कोग्निटिव-बीहेवियरल थेरेपी (CBT): व्यक्ति की भावनाओं और विचारों को संशोधित करने के लिए तकनीकें शामिल होती हैं.
* दवाएं:
* अन्तरिक ब्रेन केमिकल्स की स्थिति को सुधारने के लिए दवाएं निर्धारित की जा सकती हैं.
* अस्पताल चिकित्सा:
* गंभीर मामलों में, अस्पताल में चिकित्सा आवश्यक हो सकती है, जिसमें व्यक्ति को सुरक्षित रखा जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य स्थिति को सुधारने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ काम किया जा सकता है.
इस रोग का उपचार संबंधित चिकित्सक के साथ की जानी चाहिए ताकि वह व्यक्तिगत स्थितिगत परिस्थितियों का मूल्यांकन कर सके और सही उपचार योजना तय कर सके.