मानसून और बारिश का यूं तो सब इंतजार करते हैं लेकिन मानसून अपने साथ लाता है मच्छर और मच्छर अपने साथ लाते हैं डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियां. डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और मौजूदा समय में देश के कई हिस्सों में तेजी से बढ़ रहे जीका वायरस के मामले भी इन्हीं मच्छरों जनित होते हैं. आज हम आपको बताएंगे की मच्छर किन लोगों को ज्यादा काटते हैं. जी हां, कुछ लोगों को बाकी लोगों के मुकाबले मच्छर ज्यादा काटते हैं. कई लोगों की त्वचा मच्छरों को ज्यादा आकर्षित करती है. तो वहीं कई लोगों का ब्लड ग्रुप लोगों को आकर्षित करता है.
- आखिर त्वचा से कैसे आकर्शित होते हैं मच्छर
जिन लोगों की त्वचा से लैक्टिक एसिड का उत्पादन ज्यादा होता है, ऐसा माना जाता है कि ऐसे लोगों को मच्छर ज्यादा काटते हैं. लैक्टिक एसिड से मच्छर ज्यादा आकर्षित होते हैं. तो जिस इंसान की त्वचा में लैक्टिक एसिड की मात्रा ज्यादा होगी, उसे मच्छर ज्यादा काटेंगे.
- ब्लड ग्रुप भी है मच्छरों के काटने का कारण
ब्लड ग्रुप और मच्छरों के काटने का संबंध थोड़ा गहरा है. कई रिसर्च में ऐसे प्रमाण मिले हैं कि अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में 'ओ ब्लड ग्रुप' वाले लोगों के प्रति मच्छर अधिक आकर्षित होते हैं.
- कार्बन डाइऑक्साइड है मच्छरों के काटने का कारण
ऐसा माना जाता है कि मच्छर, कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके काटने वाले लक्ष्य की पहचान करते हैं. अब चूंकि सभी कशेरुकी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन करते हैं, ऐसे में मच्छरों के लिए इससे अच्छा और क्या है सकता है ?
- गर्भवती महिलाओं को भी ज्यादा काटते हैं मच्छर
गर्भवती महिलाओं में मेटाबॉलिक रेट भी अधिक होता है, जो उन्हें मच्छरों के लिए ज्यादा आकर्षक बनाता है. तो मच्छर इन महिलाओं को भी अपना निशाना बनाते हैं.
गहरे रंग के कपड़े पहनना भी एक कारण हो सकता है, गहरे रंग के कपड़े मादा मच्छरों को आकर्षित करते हैं.
- और कैसे आकर्षित होते हैं मच्छर ?
जिनके शरीर का तापमान ज्यादा होता है उन्हें मच्छर ज्यादा काटते हैं। शराब पीने वाले लोगों के पसीने से निकलने वाले रसायनों को मच्छर बेहद पसंद करते हैं. अगर आपको पसीना ज्यादा आता है तो भी आप आसानी से मच्छरों का शिकार हो सकते हैं.
Source : News Nation Bureau