बहरे हो जाओगो! खबर आपके सेहत की है. दरअसल ये जमाना टेक्नोलॉजी का है. हमारी जनरेशन भी गैजेट फ्रेंडली जनरेशन है, ऐसे में लेटेस्ट गैजेट्स का इस्तेमाल लाजमि है, मगर क्या कभी सोचा है कि ये गैजेट्स आपके शरीर और सेहत पर क्या प्रभाव डाल रहे हैं? दरअसल एक्सपर्ट्स का कहना है कि गैजेट्स का ज्यादा इस्तेमाल हमें बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, चलिए जानें कैसे? असल में आजकल चाहे गाना सुनना हो या फिर कोई मीटिंग अटेंड करना, हम इयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं, मगर ये दोनों ही हमारे लिए खतरनाक है.
दरअसल इन दोनों का ही ज्यादा इस्तेमाल हमें हियरिंग लॉस की परेशानी से प्रभावित कर सकता है, लेकिन ऐसे में लोगों के मन में अक्सर सवाल रहता है कि आखिर दोनों में से किसका इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित है, तो चलिए एक्सपर्ट्स से समझते हैं. दरअसल उनके मुताबिक चाहे इयरफोन हो या हेडफोन दोनों ही हमारे कानों को नुकसान पहुंचाते हैं, मगर जब बात आती है दोनों में से किसी एक को चुनने की, तो हमें हेडफोन का चयन करना चाहिए. इसके पीछे कई वजह है.
- हेडफोन, इयरफोन से इसलिए बेहतर है क्योंकि ये इयरफोन की तरह केनाल के अंदर नहीं जाते, बल्कि बाहर की तरफ से कान को ढकते हैं. जबकि इयरफोन केनाल के अंदर डालते हैं, जिससे कान में मौजूद वैक्स का गहराई में उतरकर कानों में ब्लॉकेज का खतरा रहता है.
- इयरफोन , हेडफोन के मुकाबले कई गुना ज्यादा हमारे कानों को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. इयरफोन से सीधे हमारे कानों के पर्दों पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में जितनी अधिक वॉल्यूम होगी, उतना ज्यादा नुकसान हमारे कानों को पहुंचेगा.
- हेडफोन के मुकाबले इयरफोन पहनने से कानों में संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है. इसके पीछे की वजह है कान बंद होने के बाद इसमें मौजूद नमी. ऐसे में हेडफोनज्यादा बेहतर विकल्प है.
Source : News Nation Bureau