Alert on Powder Milk : विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization ) ने पाउडर दूध के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि मल्टीनेशनल कंपनियां पाउडर दूध ( Powder Milk ) की मार्केटिंग के दौरान जमकर झूठ फैलाती हैं. वो नवजात बच्चों की माओं को स्तनपान न कराने के लिए मानसिक तौर पर तैयार कर रही हैं. जो कि गलत है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि डिब्बाबंद पाउडर दूध कभी मां के दूध की जगह नहीं ले सकता है. डब्ल्यूएचओ ( WHO ) ने कहा है कि इस प्रैक्टिस को तुरंत रोके जाने की जरूरत है.
मार्केटिंग के दम पर भ्रम फैलाने की कोशिश
डब्ल्यूएचओ और लैंसेट की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि डिब्बाबंद दूध बेचने वाली कंपनियां मार्केटिंग के दम पर महिलाओं को इस बात के लिए मानसिक तौर पर तैयार करती हैं कि उनके बच्चों के लिए डिब्बाबंद दूध ज्यादा बेहतर है. वहीं, डब्ल्यूएचओ ने साफ कह गया है कि 6 महीने की उम्र तक बच्चों को केवल मां का दूध ही दिया जाना चाहिए, कुछ और नहीं. बच्चे के जन्म के आधे घंटे के भीतर ही बच्चे को मां का दूध पिलाया जाना चाहिए. हालांकि ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मार्केटिंग के चलते बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आ रही है.
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डिब्बाबंद दूध का कारोबार 41 खरब रुपये का
बता दें कि पूरी दुनिया में पाउडर दूध का बिजनेस काफी बड़ा है. हर साल इस तरह से दूध का कारोबार 41 खरब रुपये का है. बता दें कि डिब्बाबंद दूध को ब्रेस्ट मिल्क का विकल्प माना जाता है, लेकिन ऐसा सिर्फ इमरजेंसी में ही किया जाना चाहिए. इसे कभी मां के दूध की जगह नहीं देनी चाहिए.
HIGHLIGHTS
- डब्ल्यूएचओ ने दी बड़ी चेतावनी
- मां के दूध की जगह नहीं ले सकता पाउडर दूध
- कंपनियां भ्रम फैलाकर बना रही हैं माहौल