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गर्लफ्रेंड क्यों नहीं बन पाती पत्नी, हर बार ऐसी गलतियां कर बैठते हैं लड़के

ऐसे में संबंधों के बीच दरार आनी शुरू हो जाती है. और अंत में रिश्ता यही पर खत्म हो जाता है. यानी बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के बीच शादी नहीं पाती है.  आइए जानते हैं ऐसा कौन कारण है कि गर्लफ्रेंड पत्नी नहीं बन पाती है

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Prashant Jha
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दोस्ती ( Photo Credit : फाइल फोटो)

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आजकल के दौर में लड़के-लड़कियां स्कूल में ही दोस्ती बना लेते हैं. धीरे-धीरे ये दोस्ती गहरी दोस्ती या बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड में बदल जाती है. दोनों एक दूसरे के बारे में सपने देखने लगते हैं. भविष्य के लिए सपने संजोने लगते हैं. इस दौरान दोनों के बीच कई तरह की बातें होती हैं. धीरे-धीरे दोनों शादी की उम्र तक पहुंच जाते हैं. फिर शुरू होती है दोनों के परिवार के बीच बातचीत की. लेकिन कई बार लड़के के घरवाले तैयार नहीं होते तो कई बार लड़कियां की फैमिली इस तरह की शादी के लिए रेडी नहीं होते हैं. ऐसे में बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के दिमाग में कई तरह की बातें चलने लगती है.

दोनों सोचने लगते हैं कि इस रिलेशन के बारे में अपनी फैमिली से बात ही नहीं करनी चाहिए थी. बेहतर होता कि दोनों एक दूसरे के साथ जाकर मंदिर या कोर्ट मैरिज कर लेते. लेकिन रिश्ता तो जीवनभर का होता है. ऐसे में दोनों के बीच अनबन भी शुरू हो जाती है. फिर लड़के लड़की के खिलाफ बयान देने लगते हैं. तो लड़की लड़के और उसके परिवार के बारे में कोसने लगती है. ऐसे में संबंधों के बीच दरार आनी शुरू हो जाती है. और अंत में रिश्ता यही पर खत्म हो जाता है. यानी बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड के बीच शादी नहीं पाती है.  आइए जानते हैं ऐसा कौन कारण है कि गर्लफ्रेंड पत्नी नहीं बन पाती है. 

अवस्थिति का सामंजस्य:
धार्मिक विचारधारा अपनाने का समय आते-आते व्यक्ति को अपनी अवस्थिति और विचारों को समझाने में कठिनाई हो सकती है, इससे गर्लफ्रेंड बनना और धर्म पत्नी बनना में अंतर हो सकता है.

परिवार की अनुमति:
कई बार, परिवार की अनुमति के बिना व्यक्ति धार्मिक विचारधारा को अपनाने में हिचकिचा सकता है, जिससे गर्लफ्रेंड को धर्म पत्नी बनने का संदर्भ मिलना मुश्किल हो सकता है.

सामाजिक दबाव:
सामाजिक प्रतिस्पर्धा और विचारों के लिए सामाजिक दबाव भी एक कारण हो सकता है जिससे व्यक्ति धार्मिक रूप से जुड़ने में हिचकिचा सकता है. इससे गर्लफ्रेंड को धर्म पत्नी बनने का मौका नहीं मिल पाता.

व्यक्तिगत मनोबल:
कभी-कभी, धार्मिक बदलाव का आगंतुक व्यक्ति का व्यक्तिगत मनोबल पर बहुत प्रभाव डाल सकता है, जिससे वह अपनी स्थिति को समझने में कमी महसूस करता है.

संबंधित धार्मिक अनुष्ठान:
गर्लफ्रेंड को धार्म पत्नी बनने के लिए व्यक्ति को अपने धार्मिक अनुष्ठानों को संबंधित तरीके से बदलना पड़ सकता है, जो कई बार उसके लिए आत्म-समर्पण साबित हो सकता है.

विभिन्न आत्म-मूल्य:
धर्म पत्नी बनने की प्रक्रिया में व्यक्ति को विभिन्न आत्म-मूल्यों का समर्थन करना पड़ सकता है, जिससे गर्लफ्रेंड इसमें समर्थन नहीं कर सकती. इन कारणों के बावजूद, सही समर्पण, समझदारी, और समर्थन के साथ, व्यक्ति धार्मिक रूप से जुड़ने के लिए तैयार हो सकता है, और इस प्रक्रिया को सहज बना सकता है.

Source : News Nation Bureau

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