World Milk Day 2024: दूध सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, क्योकि इसमें कई सारे पोषक तत्व पाये जाते हैं. हमारे भारत में सबसे ज्यादा दूध का इस्तेमाल भी होता है. दूध के इस महत्व को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष 1 जून के दिन विश्व दुध दिवस यानी वर्ल्ड मिल्क डे मनाया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि क्यों 1 जून को ही विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है और इसकी शुरूआत कहां से हुई. वर्ल्ड मिल्क डे मनाने का मकसद लोगों को दूध का महत्व और इसके लाभ समझाना है. इस बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल वर्ल्ड मिल्क डे दिन को मनाया जाता है.
विश्व दुग्ध दिवस का इतिहास
आपको बता दें कि दूध को लेकर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है. वहीं वर्ल्ड मिल्क डे मनाने की शुरुआत साल 2001 में हुई थी, जब संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने विश्व दुग्ध दिवस की स्थापना की थी. वर्ल्ड मिल्क डे मनाने के पीछे की वजह लोगों को दूध से होने वाले फायदे के बारे में बताना है. दूध पीना शरीर के लिए कितना फायदेमंद होता है. डॉक्टर भी बार-बार बच्चों से लेकर बुजुर्ग लोगों को दूध पीने की सलाह देते हैं. क्योंकि दूध में कई तरह के विटामिन और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं.
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क्यों मनाया जाता है विश्व दुग्ध दिवस
मिल्क डे मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों को दूध के फायदो के बारें में बताना है. मिल्क डे के जरिए आम लोगों को ये भी बताया जाता है कि दूध कैसे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं और समुदायों को लाभ पहुंचाता है. एफएओ के अनुसार, करीब छह अरब लोग डेयरी उत्पादों का उपयोग करते हैं. इसके अलावा भी डेयरी व्यवसाय एक अरब से अधिक लोगों को आजीविका चलाने में मदद करता है.
वर्ल्ड मिल्क डे पर थीम
हर वर्ष वर्ल्ड मिल्क डे एक खास थीम पर मनाया जाता है. इस थीम के जरिए ही विश्वभर के लोगों को वर्ल्ड मिल्क डे पर जागरूक किया जाता है. बीते वर्ष 2023 का थीम था कि पौष्टिक आहार और आजीविका देते हुए यह कैसे एनवायरमेंट फूटप्रिंट्स को कम कर रहा है.
राष्ट्रीय मिल्क डे?
भारत में हर साल नेशनल मिल्क डे 26 नवंबर को ही मनाया जाता है. भारत में इस दिन को डॉक्टर वर्गीज कुरियन के जन्मदिन के अवसर पर नेशनल मिल्क डे मनाया जाता है, जिन्हें भारत में श्वेत क्रांति का जनक कहा जाता है. डॉक्टर वर्गीज कुरियन को'मिल्क मैन' के नाम से भी जाना जाता है. डॉ. कुरियन ने वर्ष 1970 में श्वेत क्रांति की शुरुआत की थी.
इसका उद्देश्य भारत में दूध के उत्पादन को बढ़ावा देना था. डॉ. वर्गीज कुरियन वर्ष 1965 से लेकर 1998 तक नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के अध्यक्ष थे. उस दौरान उन्होंने देश के हर कोनेृ-कोने तक दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने की कोशिश की थी. उनकी उस कोशिश के वजह से भारत आज दुनिया में सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाले देशों में से एक बन चुका है.
Source : News Nation Bureau