दुनियाभर में बाल श्रम एक गंभीर मुद्दा है. हमारे देश में भी बाल श्रम से जुड़ी खबरें, अक्सर आती रहती हैं, ऐसे में आज की तारीख यानि 12 जून को हर साल पूरी दुनिया एकजुट होकर अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस मनाती है, ताकि बाल श्रम के महाजाल से मासूम बच्चों को मुक्त कराया जा सके. साथ ही उनके साथ हो रहे शोषण और उनके अधिकारों के हनन के खिलाफ आवाज उठाई जा सके. ऐसे में आइये आज जानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस की शुरुआत कब हुई, क्यों हई और आखिर कैसे हुई. साथ ही जानेंगे हर साल निर्धारित होने वाली थीम के भी बारे में...
कब मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस?
साल 12 जून 2002 को पहली बार इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन द्वारा इस दिवस को मनाने की शुरुआत की गई थी, जिसके बाद से इसी तारीख को ये दिवस मनाया जाने लगा. बता दें कि इस साल यानि 2023 में 21वां विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस मनाया जा रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस की क्या थीम है?
बाल मजदूरी को खत्म करने के लिए इस साल अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस की थीम है 'Social Justice for All. End Child Labour'. बता दें कि इस थीम का मुख्य मकदस बाल मजदूरी खत्म करने के लिए आमजन को जागरूक करना और बढ़ावा देना है.
अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस का क्या है महत्व?
साल 2002 में पहली बार मनाया गया अंतरराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस का असल मकसद, मासूमों को श्रम से रोकना, साथ ही इस जंजाल में फंसे बच्चों को बाहर निकालना और बाल श्रम में लिप्त लोगों के खिलाफ जागरूकता फैलाना है, ताकि आने वाले सालों में हमारी दुनिया को पूरी तरह से इससे आजादी मिल सके और दुनियाभर के तमाम मासूमों का बचपन अंधेरे में जाने से बचाया जा सके.
HIGHLIGHTS
- क्यों मनाया जाता है?
- क्या है इस साल की थीम?
- क्या है इस दिन का महत्व?
Source : News Nation Bureau