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World Homeopathy Day 2024: क्यों मनाया जाता है विश्व होम्योपैथी दिवस? जानें इस साल की थीम क्या है

World Homeopathy Day 2024: विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 की थीम "होम्योपैथी: पीपुल्स चॉइस फॉर वेलनेस" है. होम्योपैथी उपचार में कम साइड इफेक्ट्स, दीर्घकालिक बीमारियों का प्रबंधन, और प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि जैसे फायदे हो सकते हैं।

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Inna Khosla
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World Homeopathy Day 2024

World Homeopathy Day 2024( Photo Credit : News Nation)

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World Homeopathy Day 2024: विश्व होम्योपैथी दिवस हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है. यह दिन जर्मन चिकित्सक डॉ. क्रिश्चियन फ्राइडरिक सैमुएल हानेमान की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिन्हें होम्योपैथी नामक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति का जनक माना जाता है. इस दिन होम्योपैथी के बारे में जागरूकता फैलाने और इसके फायदों को लोगों तक पहुंचाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. होम्योपैथी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जो इस सिद्धांत पर आधारित है कि "समान दवा समान रोग को ठीक करती है" (like cures like). इसका मतलब है कि बीमारी पैदा करने वाले पदार्थ को कमजोर और पतला करके दवा के रूप में दिया जाता है, जिससे शरीर खुद को ठीक कर सके. होम्योपैथिक दवाएं प्राकृतिक पदार्थों, जैसे कि पौधों, जानवरों और खनिजों से बनाई जाती हैं.

विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 की थीम

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा हर साल विश्व होम्योपैथी दिवस के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है. वर्ष 2024 के लिए विश्व होम्योपैथी दिवस की थीम "होम्योपैथी: पीपुल्स चॉइस फॉर वेलनेस" है.

होम्योपैथी के संभावित लाभ

कम साइड इफेक्ट्स: होम्योपैथिक दवाओं को आमतौर पर हल्का माना जाता है क्योंकि वे अत्यधिक पतलीकृत होती हैं. हालांकि, कुछ मामलों में एलर्जिक रिएक्शन हो सकती है.

दीर्घकालिक बीमारियों का प्रबंधन: कुछ अध्ययनों से संकेत मिलता है कि होम्योपैथी कुछ दीर्घकालिक स्थितियों, जैसे कि गठिया और एग्जिमा के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकती है. हालांकि, और अधिक शोध की आवश्यकता है.

शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ावा देना: होम्योपैथी के सिद्धांतों के अनुसार, यह माना जाता है कि होम्योपैथिक दवाएं शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाकर रोगों से लड़ने में मदद करती हैं.

हल्की और तीव्र दोनों तरह की बीमारियों का इलाज: समर्थक दावा करते हैं कि होम्योपैथी सर्दी, जुकाम, बुखार और यहां तक ​​कि चोटों जैसे तीव्र रोगों के साथ-साथ चिंता और अवसाद जैसी मानसिक/भावनात्मक समस्याओं के इलाज में भी कारगर हो सकती है.

आलोचनात्मक दृष्टिकोण रखना ज़रूरी है. हालांकि, होम्योपैथी की व्यापक वैज्ञानिक समुदाय द्वारा आलोचना की जाती है. कई शोधों में पाया गया है कि होम्योपैथिक दवाओं का प्रभाव प्लेसेबो से ज्यादा नहीं होता है.  इसका मतलब है कि रोगी को जो लाभ महसूस होता है वह दवा के कारण नहीं बल्कि उसके विश्वास के कारण हो सकता है. होम्योपैथिक उपचार पर निर्णय लेने से पहले आप ध्यान रखें कि गंभीर बीमारी होने पर होम्योपैथी को मुख्य चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. पारंपरिक चिकित्सा के साथ संयोजन के रूप में इसका इस्तेमाल कर  सकते हैं. होम्योपैथी के कई फायदे बताए जाते हैं. कम साइड इफेक्ट्स, दीर्घकालिक बीमारियों का इलाज, शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि, हल्की और तीव्र दोनों तरह की बीमारियों का इलाज होता है. होम्योपैथी को किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए मुख्य चिकित्सा के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. होम्योपैथिक दवा लेने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें.

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Source : News Nation Bureau

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