आज के डिजिटल युग में, बिना स्मार्टफोन या कैमरे वाला कोई व्यक्ति मिलना मुश्किल है. चाहे किसी जगह की अच्छी तस्वीरें लेनी हो या फिर खुद की सेल्फी, फोटोग्राफी हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है. हालांकि एक हालिया स्टडी ने फोटोग्राफी के जबरदस्त फायदे बताए हैं. दरअसल फोटो खींचना महज यादों को संरक्षित करने की और उसे साझा करने की ही एक प्रक्रिया तक सीमित नहीं है, बल्कि ये हमारे मेंटल हेल्थ पर भी काफी गहरा प्रभाव डालती है...
आपको जानकर हैरान होगी, लेकिन फोटोग्राफी अवसाद, चिंता या आघात जैसी नकारात्मक स्थितियों में काफी ज्यादा सहायक भूमिका अदा करती है. इससे लोगों को अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और बिना बोले अपने अंदर की बात जाहिर करने में सहायता मिलती है, खासतौर पर तब जब उन्हें अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मुश्किल लगता हो.
मूड पर फोटोग्राफी असर...
2016 में इससे जुड़ी एक जांच की गई, जिसका मकसद ये पता लगाना था कि, स्मार्टफोन फोटोग्राफी इंसानी दिमाग पर किस हद तक सकारात्मक प्रभाव छोड़ती है, जिसके तहत तीन बिंदुओं को तय किया था. इनमें पहला था मुस्कुराते हुए अभिव्यक्ति के साथ एक सेल्फी फोटो, दूसरा किसी ऐसी चीज की फोटो जो खुद को खुश करेगी और तीसरा किसी चीज की फोटो जो किसी अन्य व्यक्ति को खुश करेगी, अब इन तीन स्थितियों के मद्देनजर लोगों को फोटो लेने के लिए निर्देशित किया गया था. इस जांच के करीब 3 सप्ताह के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि प्रतिभागियों का सभी स्थितियों में सकारात्मक प्रभाव बढ़ गया है.
न सिर्फ इतना, बल्कि इस जांच के और भी तमाम फायदे देखने को मिले; शोध में पता चला कि दैनिक तौर पर फोटोग्राफी हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में काफी सहायक भूमिका निभाती है. साथ ही इससे हमारी मेमोरी और तर्क कौशल को बहुत हद तक बढ़ावा मिलता है. इससे लोगों को अनपी भावनाओं और अनुभवों को बेहतर ढंग से समझने में सहायता मिलती है.
Source : News Nation Bureau