प्रत्येक वर्ष 8 जून को विश्व महासागर दिवस मनाया जाता है. विश्व महासागर दिवस को मनाने का मकसद है महासागर को बचाना, इससे मिलने वाले संसाधनों की क्षति को रोकना, साथ ही साथ बायोडायवर्सिटी को बनाए रखना है. ध्यान हो कि महासागर में मौजूद इकोसिस्टम के हर स्तर पर बायोडायवर्सिटी यानि कि जैव विविधता पाई जाती हैं, इनमें अनेक प्रकार के जीवों का बसेरा है. मालूम हो कि हमारे लिए महासागर केवल जल का स्त्रोत नहीं, बल्कि भोजन और पोषण का भी एक जरिया है. यहीं महासागर से अनेकों की रोजी-रीटी भी जुड़ी है. मगर पिछले कई सालों से महासागर प्रदूषण और ग्लोबर वॉर्मिंग की मार झेल रहा है, इसी के मद्देनजर 8 जून को मनाए जाने वाला विश्व महासागर दिवस हमारे और इस पर्यावरण के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं...
क्या है विश्व महासागर दिवस का इतिहास
साल 2008 से विश्व महासागर दिवस मनाने की शुरुआत हुई, वहीं इसकी नींव साल 1992 में हुए पृथ्वी शिखर सम्मेलन में रखी जा चुकी थी, जहां ओशंस इंस्टिट्यूट ऑफ कनाडा और कनाडा के इंटरनेशनल सेंटर फॉर डेवलपमेंट द्वारा इस दिवस को मनाने का प्रस्ताव रखा गया था. शुरुआत से ही इस दिवस को मनाने का मकसद, महासागरों को बचाने और उन तरीकों को इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाना था, जिनसे महासागर के संसाधनों की कम से कम क्षति हो.
क्या है विश्व महासागर दिवस 2023 की थीम
बता दें कि हर साल विश्व महासागर दिवस की थीम अलग-अलग रहती है, जिसके मद्देनजर इस साल इस दिवस की थीम है 'Planet Ocean Tides Are Changing'. बता दें कि ये थीम समुंदर को विकास के लिए महत्वपूर्ण मानते हुए इसे प्राथमिकता देने की बात करती है. वहीं इसपर संयुक्त राष्ट्र के सेक्रेटरी जनरल का कहना है कि दुनिया ने महामारी को समाप्त कर बेहतर निर्माण के लिए काम किया है, लिहाजा अब हमारे पास समुंद्र, प्राकृतिक दुनिया के साथ-साथ आगे की जनरेशन की ज़िम्मेदारी भी है.
Source : News Nation Bureau