Premanand Maharaj: वृंदावन के प्रख्यात संत प्रेमानंद महाराज (Premanand Ji Maharaj) अपने सत्संग के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं. वे न केवल अपने सत्संग के जरिए लोगों के सही दिशा दिखाने का काम करते हैं बल्कि उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान करते हैं. जो भी आस्था के साथ उनके दरबार में पहुंचता है और उनसे प्रश्न करता है महाराज जी बड़ी सरलता से उसे उत्तर देते हैं. अब तक उनके पास क्रिकेटर विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, ग्रेट खली, आसएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सिंगर मीका सिंह समेत कई सेलेब्रिटीज पहुंच चुके हैं. दूसरों को सद्मार्ग दिखाने वाले संत का जीवन खुद बिल्कुल भी आसान नहीं हैं. खाने के बाद अब उनका पानी भी मुश्किल हो गया है. क्या है इसकी वजह आइए जानते हैं.
जानिए क्यों पानी भी नहीं पी पा रहे प्रेमानंद महाराज
एक वीडियो में वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने बताया कि अब वह पानी भी काफी मुश्किल से पी पाते हैं. डायलिसिस होने की वजह से अस्पताल के डॉक्टर्स ने उन्हें ज्यादा पानी पीने से बिल्कुल मना कर रखा है. वह रोजाना रात में 12.30 बजे उठते हैं और 2 बजे राधा केलीकुंज के लिए निकल जाते हैं. प्रेमानंद महाराज ने कुछ दिन पहले अपने एक वीडियो में बताया, 'हमें ज्यादा पानी पीना मना है.'
प्यास लगने पर क्या करते हैं प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने बताया प्रवचन के दौरान बोलने पर उन्हें प्यास लगती है. लेकिन पानी पीने की मनाही होने की वजह से वो पानी नहीं पी पाते हैं. उन्होंने बताया कि ऐसे में वह गीला कपड़ा अपने पास रखते हैं. प्रवचन के दौरान बोलने पर जब उन्हें प्यास लगती है तो गीला कपड़ा अपने मुंह पर लगा लेते हैं.'
पूरे दिन बस इतना पानी पीते हैं महाराज
प्रेमानंद महाराज ने बताया 'कभी हमको पानी पीना भी हुआ तो एक छोटा सा पात्र है, बस उसमें पानी पी लेते हैं.' उनके पास जो पात्र है, वह चाय वाली कुल्हड़ से भी छोटा है. उसमें लगभग 50 मिली पानी बड़ी मुश्किल से आता होगा. नार्मल एक स्टील के गिलास में 25-300 मिली पानी आता है. उनके लिए अब एक स्टील का गिलास पानी पीना भी मुश्किल हो गया है.
पानी मांगने पर क्या करते हैं अनुयायी
प्रेमानंद महाराज ने बताया प्रेमानंद महाराज ने बताया कि कुल्हड़ जैसे पात्र में एक बार पानी पीने के बाद जब वो दोबारा पानी मांगते हैं तो उनके अनुयायी संकोच करते हुए पानी देते हैं. लेकिन जब वो तीसरी बार पानी मांगते हैं तो ये लोग देने से साफ मना कर देते हैं. ऐसे में उनके पास सिर्फ गीले पानी के कपड़े का सहारा होता है.
डायलिसिस में क्यों नहीं दिया जाता है पानी?
चिकित्सकों के अनुसार जब किसी की किडनी काम करना बंद कर देती हैं, तो इसका एक साइड इफेक्ट ये भी होता है कि वह यूरिन नहीं बना पाती. कई लोगों में पेशाब बनना पूरी तरह से बंद हो जाता है. डायलिसिस के ज्यादातर मरीज हफ्ते में 3 बार डायलिसिस करवाते हैं, इसलिए इस समस्या को हल करने के लिए लिक्विड पदार्थ की मात्रा को सीमित करना होता है. जिन मरीजों को यूरिन पास हो रही होती है तो वह लिक्विड की मात्रा डॉक्टर्स की सलाह के बाद बढ़ा सकते हैं.
कब पड़ती है डायलिसिस की जरूरत?
विशेषज्ञों के अनुसार डायलिसिस की जरूरत तब पड़ती है जब उसकी दोनों किडनी सही से काम नहीं करता है. सरल भाषा में समझे तो जिन लोगों की दोनों किडनी पूरी तरह से फेल हो चुकी हो. किडनी फेल होने का जोखिम खासकर उन लोगों को ज्यादा बढ़ जाती है जो डायबिटीज के मरीज या बीपी के मरीज है. उन्हें किडनी फेल होने की समस्या हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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