Prolactin: पीरियड्स में अनियमितता या अन्य समस्याएं महिलाओं के लिए चिंता का विषय हो सकती हैं. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसका संबंध प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन से हो भी हो सकता है? प्रोलैक्टिन एक ऐसा हार्मोन है जो मुख्य रूप से स्तनपान के दौरान दूध उत्पादन को रोकने में मदद करता है. हालांकि, जब प्रोलैक्टिन का स्तर हमारे शरीर में सामान्य से बढ़ जाता है, तो ये हार्मोनल डिसबैलेंस का कारण बन सकता है, जो आपके पीरियड्स में समस्याएं पैदा कर सकते है. बता दें कि इस स्थिति को हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया कहा जाता है.
तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
डॉक्टर्स के मुताबिक हाइपरप्रोलैक्टिनेमिया के बढ़ने से पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं, और कुछ मामलों में, पीरियड्स पूरी तरह से बंद भी हो सकते हैं. ऐसे में ये आपके प्रेग्नेंसी को भी इफेक्ट कर सकता है. बता दें कि कई बार महिलाओं में इस हार्मोन के बढ़ने से ब्रेस्ट से व्हाइट डिस्चार्ज भी होने लगता है. यदि आपको लगता है कि आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं हो रहे या फिर इसमें किसी तरह का बदलाव महसूस हो तो इसे इग्नोर न करें. आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उनसे सलाह लें. डॉक्टर आपके प्रोलैक्टिन स्तर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट करेंगे और आपको कुछ मेडिसिन देंगे, जिसका आप समय पर सेवन करके इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
प्रोलैक्टिन हार्मोन बढ़ने के कारण
मेडिसिन के साथ-साथ आप इसे अपने लाइफस्टाइल में सुधार करके भी कम कर सकते है. ऐसे समय में किसी भी तरह का स्ट्रेस न लें. पर्याप्त मात्रा में नींद न लेना, स्ट्रेस, कम डोपामाइन हार्मोन (मूड को अच्छा रखने वाले हार्मोन), हाइपोथायरायडिज्म, इंफेक्शन, की वजह से महिलाओं में प्रोलैक्टिन की मात्रा बढ़ सकती है.
महिलाओं में प्रोलैक्टिन मात्रा बढ़ने के लक्षण
- अनियमित पीरियड्स
- अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना
- जोड़ों का दर्द होना
- ब्रेस्ट से वाइट डिस्चार्ज होना
- सिरदर्द होना
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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