अर्थराइटिस की बीमारी पहले के टाइम में लोगों को बुढ़ापे में आती थी. लेकिन इन दिनों यह कम उम्र के लोगों में भी दिखने को मिल रही है. वहीं इस बीमारी के लिए कहा जाता था कि जो लोग घूमते-फिरते नहीं है. उन्हें हो रही है, लेकिन अब ये बीमारी खिलाड़ियों में भी दिखने को मिल रही है. वहीं जो खिलाड़ी होते है. वो तो काफी एक्सरसाइज करते है और खुद को फिट रखते है. ऐसे में सवाल उठता है कि ये बीमारी इन्हें कैसे हो सकती है. इस बीमारी की वजह से खिलाड़ी अपने खेल को अलविदा कहने पर मजबूर हो चुके है. आइए आपको इसके बारे में बताते है.
अर्थराइटिस क्या है
अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें जोड़ों में सूजन और दर्द होता है. यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसका मतलब है कि शरीर का इम्यून सिस्टम अपने ही टिशू पर हमला करती है. अर्थराइटिस के कई प्रकार हैं, लेकिन सबसे आम प्रकार रूमेटोइड अर्थराइटिस और ऑस्टियोआर्थराइटिस हैं. वहीं यह बीमारी लाखों लोगों को प्रभावित कर रही है.
ये है कारण
उम्र
एक्सपर्ट के अनुसार बढ़ती उम्र के साथ ऑस्टियोआर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं उम्र के साथ जोड़ों में घिसाव होता है.
जेनेटिक
काफी लोगों में यह बीमारी जेनेटिक होती है. जिसकी वजह से इसका खतरा पीढ़ी-दर-पीढ़ी बढ़ता चला जाता है.
फैट
ज्यादा वजन होने से जोड़ों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे अर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है. मोटापा से जोड़ो पर दबाव पड़ता है.
सोरायसिस
वहीं एक्सपर्ट बताते है कि कुछ ऑटोइम्यून डिसऑर्डर जैसे कि ल्यूपस या सोरायसिस भी अर्थराइटिस का कारण बन सकते हैं.
इस खिलाड़ी को है ये बीमारी
भारतीय बैडमिंटन की आन-बान-शान साइना नेहवाल अर्थराइटिस से जूझ रही है. जिसका खतरा उनके खेल पर मंडरा रहा है. साइना नेहवाल 34 साल की हो गई है. हाल ही में साइना नेहवाल ने बताया, "घुटने बहुत खराब है. मुझे गंभीर अर्थराइटिस है. मेरा कार्टिलेज खराब हो गया है. आठ-नौ घंटे तक ट्रेनिंग लेना बहुत मुश्किल है. ऐसे में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को कैसे चुनौती देंगे? मुझे लगता है कि मुझे कहीं न कहीं इसे स्वीकार करना होगा. क्योंकि दो घंटे की ट्रेनिंग अच्छे लेवल के खिलाड़ियों के साथ खेलने और जो परिणाम हम चाहते हैं उसे प्राप्त करने के लिए सही नहीं है. इसी कारण उन्हें इस साल के अंत तक संन्यास लेने पर विचार करना पड़ रहा है.
इतनी उम्र में क्यो ये दिक्कत
डिप्रेशन
अच्छा खेलने के लिए खेल में खिलाड़ियों को लगातार तनाव और डिप्रेशन दिया जाता है. जो कि जोड़ों पर काफी ज्यादा दबाव डालता है.
खराब खाना
असंतुलित आहार से पोषण की कमी हो सकती है, जो जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है.
ज्यादा एक्सरसाइज
एक्सपर्ट कहते है कि ज्यादा एक्सरसाइज करने से भी जोड़ों पर ज्यादा दबाव डलता है.
क्या है लक्षण
जोड़ों में दर्द और सूजन
जोड़ों में कठोरता
जोड़ों का लाल होना और गर्म होना
थकान
नींद की समस्याएं
क्या है इलाज
इसके इलाज के लिए आप एक्सरसाइज, फिजिकल थेरेपी, सर्जरी और दवाएं लें. वहीं अगर आपको ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, तो आप डॉक्टर के पास जाएं.