Situationship: इन दिनों नई जनरेशन में एक ट्रेंड बहुत तेजी से पॉपुलर हो रहा है और वो है सिचुएशनशिप. फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स (friends with benefits) के बाद मार्केट में नया टर्म आया है Situationship. यहां रिलेशनशिप तो है लेकिन कमिटमेंट नहीं. यूथ यहां कहते हैं कि इस रिलेशनशिप में सब कुछ होगा लेकिन शादी नहीं. ये कुछ ज्यादा ही एडवांस है क्योंकि इसमें किसी भी चीज का कोई प्रेशर नहीं होता है.लोग रोमांस और शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक साथ आते हैं. आजकल की नई पीढ़ी के लिए प्रेम और संबंधों का मतलब भी बदलता जा रहा है.बदलते जमाने के साथ लोगों के फैशन और लाइफस्टाइल में ही बदलाव नहीं आया है, बल्कि ये बदलाव रिलेशनशिप में भी देखने को मिल रहा है. सब कुछ एकदम क्लियर कट है. आइए जानते हैं इसके बारे में.
क्या है सिचुएशनशिप?
Situationship दो शब्दों 'सिचुएशन' और 'रिलेशनशिप' से मिलाकर बना है. जो पूरी तरह सिचुएशन पर डिपेंड करता है. मतलब किसी तरह का कोई प्रेशर नहीं होता रिलेशनशिप को चलाने और कमिटमेंट का. लोग रोमांस और शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक साथ आते हैं. वैसे कुछ लोग टाइम पास के लिए भी इसमें आते हैं.
फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स और सिचुएशनशिप में ये हैं अंतर
फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स के बारे में तो आपने बहुत कुछ सुना होगा. लेकिन क्या आपको पता है दोनों Situationship और friends with benefits में बहुत अंतर है. सिचुएशनशिप के कई सारे संकेत फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स से मिलते-जुलते लग सकते हैं, लेकिन ये पूरी तरह से एक-दूसरे से अलग हैं. दोनों में काफी अंतर होता है. फ्रेंड्स विद बेनिफिट्स में दो फ्रेंड्स एक- दूसरे के साथ रिलेशनशिप में होते हैं अपने-अपने फायदों के लिए वहीं सिचुएशनशिप किसी अंजान इंसान के साथ भी हो सकता है.
कैसी होती है सिचुएशनशिप
सिचुएशनशिप में दो लोग बिना किसी जिम्मेदारी के एक-दूसरे से जुड़े होते हैं.इस रिलेशनशिप रहते हुए कोई किसी से किसी भी तरह का वादा नहीं करता है. न ही किसी के भविष्य के बारे में कोई बातचीत होती है. इस रिलेशनशिप में दोनों व्यक्तियों को किसी शर्त के बिना एक साथ रहने का सुख मिलता है. इसमें व्यक्ति जिम्मेदारियों से मुक्त रहता है. यह रिलेशनशिप किसी भी कारण से समाप्त हो सकता है. यानि की दो लोग एक-दूसरे की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक साथ रहते हैं.
सिचुएशनशिप के बेनिफिट्स
- यहां दोनों लोगों पर किसी भी तरह का प्रेशर नहीं होता. वो अपनी मर्जी और खुशी से इस रिश्ते में होते हैं, लेकिन समझ न आए तो साथी को बिना कुछ एक्सप्लेन किए छोड़ भी सकते हैं.
- इसमें पर्सनल डेवलपमेंट के साथ अपने आपको सामने वाले को जानने-समझने का मौका मिलता है. कई बार आपको अपनी प्रियोरिटीज के बारे में भी रिलेशनशिप में आने के बाद ही पता लगता है.
- सिचुएशनशिप में फ्लेक्सिबिलिटी होती है, मतलब कोई वादे, दिखावे नहीं करने पड़ते और न ही एक-दूसरे से सवाल-जवाब का चक्कर होता है. कई मायनों में ये अच्छा है.
ऐसे पहचाने कहीं आप भी तो सिचुएशनशिप में नहीं
- सिचुएशनशिप को पहचानना बहुत आसान है. अगर आपका पार्टनर आपको अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलवाना अवॉयड करता है. पब्लिक प्लेसेज में आपके साथ आने व रहने से बचता है, तो इसका मतलब आप सिचुएशनशिप में हैं.
- यहां अक्सर देखने को मिलता है कि अकेले में तो आपका पार्टनर आपको बहुत भाव देता है, लेकिन सोशल गेदरिंग में वो आपको अकेला छोड़ देता है, तो ये भी सिचुएशनशिप में होने की निशानी है.
- सिचुएशनशिप में युवा अपने रिश्ते को नाम नहीं देते. किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेते. बिल्कुल फ्री रहना पसंद करते हैं. अगर आपका पार्टनर भी ऐसा कर रहा है, तो इसका मतलब समझ जाएं.
- जो लोग इस रिलेशनशिप में होते हैं पार्टनर वैसे तो बहुत क्लोज हैं, लेकिन बहुत ज्यादा इमोशनल अटैचमेंट और किसी तरह के कमिटमेंट से बच रहा है, तो यहां मामला क्लीयर है कि आप सिचुएशनशिप में हैं.
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