द्वितीय विश्वयुद्ध को महाविनाश के रूप में याद किया जाता है. करीब 6 साल तक चली इस जंग में दुनिया के कई देश शामिल हुए थे. ऐसा बताया जाता है कि इसमें करीब 5 करोड़ से ज्यादा लोग मारे गए थे. ये विश्वयुद्ध इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है. इसके बारे में ऐसी-ऐसी किदवन्तियां प्रसिद्ध हैं जिनको सुनकर आज भी लोग अचरज में पड़ जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इसमें लगभग 100 मिलियन लोग शामिल हुए थे और दुनिया की आबादी का करीब 3 फीसदी हिस्सा खत्म हो गया था. यह इतिहास का सबसे बड़ा संघर्ष माना जाता है. युद्ध में हथियारों और युद्धकौशल के साथ-साथ कई ऐसी चीजों का प्रयोग किया गया जिसके बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. इनमें से एक चीज है Condom. जी हां लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कंडोम का यूज Sexual safety नहीं बल्कि किसी और चीज के लिए सैनिक किया करते थे. आइए जानते हैं इसके बारे में.
वर्ल्ड वॉर-2 में Condom का इस्तेमाल क्यों करते थे सैनिक?
यूं तो कंडोम का प्रयोग यौन सुरक्षा (Sexual safety) के लिए किया जाता है. लेकिन वर्ल्ड वॉर-2 में सैनिक कंडोम का यूज अपने राइफलों में जंग लगने और खराब होने से बचाने के लिए करते थे. जी हां ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें जंग ज्यादातर जंगलों और दलदली इलाकों में लड़नी पड़ती थी. ऐसे में वहां हमेशा बारिश होने और कीचड़-दलदली जगहों पर ही उन्हें समय गुजारना पड़ता था. ऐसे मौसम और जगहों पर हथियार के खराब होने का खतरा बहुत ज्यादा रहता था. राइफलों को जंग लगने से बचाने के लिए सैनिक उसे कंडोम में रखा करते थे.
कंडोम में राइफल क्यों रखते थे सैनिक?
कंडोम को रबर से बनाया जाता है. इसलिए इसमें पानी प्रवेश नहीं कर पाता है. वॉर-2 में सैनिक राइफल की बैरल पर कंडोम चढ़ा देते थे जिससे अगर पानी या कीचड़ जैसी कोई स्थिति हो तो वो सुरक्षित रह पाए. कंडोम आसानी से उपलब्ध हो जाते थे और वजन में हल्के भी होते थे तो सैनिक इन्हें आसानी से इसे अपनी किट में रख पाते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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