Sunita William: रोजाना काफी एक्स्पर्ट अंतरिक्ष यात्रियों को होने वाली स्वास्थय की दिक्कत को लेकर काफी रिसर्च की जाती है. वहीं काफी एक्सपर्ट का मानना है कि एस्ट्रोनॉट को किडनी स्टोन और रीनल कैल्कुली भी हो सकती है. वहीं नासा की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर काफी टाइम से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसे हुए हैं. लोग उनके आने की दुआ मांग रहे हैं. काफी सारे लोगों को अंतरिक्ष में जाना एक्साइटिंग लगता है क्योंकि वहा ग्रैविटी फूल नहीं होती है. हालांकि जो लोग लंबे वक्त तक स्पेस में रहते हैं उन्हें सेहत से जुड़ी कई परेशानियां पेश आ सकती है. आइए आपको बताते है इससे जुड़ी हुई परेशानियों के बारे में.
क्या होता है किडनी स्टोन
किडनी स्टोन को नेफ्रोलिथियासिस या यूरोलिथियासिस कहा जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, ये स्टोन्स हार्ड डिपोजिस्ट्स होते हैं जो मिनरल्स और सॉल्ट के बने होते हैं, इनका निर्माण किडनी के अंदर होता है. इसके लिए कई फैक्टर्स को जिम्मेदार माना गया है जैसे कि अनहेल्दी डाइट, हद से ज्यादा बॉडी वेट और अन्य मेडिकल कंडीशन. किडनी स्टोन यूरिनरी ट्रैक्ट के किसी भी हिस्से को अफेक्ट कर सकता है इसमें गुर्दे और ब्लैडर भी शामिल हैं.
स्पेस में किडनी स्टोन होने की वजह
एक्सपर्ट ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को किडनी स्टोन स्पेस में माइक्रोग्रैविटी वाले यूनिक कंडीशन के कारण होता है. इसकी वजह से शरीर का फ्लूइड को लोअर से अपर बॉडी पार्ट में शिफ्ट होता है. ये तरल पदार्थ का शिफ्ट यूरिन के जरिए कैल्शियम एक्सक्रीशन को बढ़ा देता है क्योंकि बोन डेंसिटी कम हो जाती है. इस प्रॉसेस को स्पेसफ्लाइट ऑस्टियोपीनिया कहते हैं. कैल्शियम का बढ़ा हुआ लेवल कैल्शियम बेस्ड किडनी स्टोन का फॉर्मेशन करता है. इससे बचने के लिए एस्ट्रोनॉट फिजिकल एक्टिविटीज को बढ़ा देते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)