Budget 2024-25: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ओडिशा के पर्यटन को बढ़ावा देने की योजनाओं की घोषणा की. केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा,'पर्यटन हमेशा से हमारी सभ्यता का हिस्सा रहा है. भारत को वैश्विक गंतव्य के रूप में स्थापित करने के हमारे प्रयासों से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और अन्य क्षेत्रों में भी अवसर खुलेंगे. हम ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देंगे, जिसमें प्राकृतिक सुंदरता, मंदिर, शिल्पकला, प्राकृतिक परिदृश्य, वन्यजीव अभयारण्य और प्राचीन समुद्र तट हैं.' ओडिशा घूमने के लिहाज से बहुत ही खूबसूरत राज्य है. इसकी राजधानी भुवनेश्वर को मंदिरों की नगरी कही जाती है. लेकिन आप यहां धार्मिक स्थलों के अलावा भी कई खूबसूरत जगहों को देख सकते हैं. आइए जानते हैं ओडिशा में किन जगहों को कर सकते हैं एक्सप्लोर.
कोणार्क सूर्य मंदिर
इस प्रचीन मंदिर को देखने के लिए साल भर पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है. यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल है. यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है. आप यहां प्राचीन मूर्तिकला से भी रूबरू हो सकते हैं. जो हिंदू देवताओं के चित्र को प्रस्तुत करते हैं.
भुवनेश्वर
ओडिशा की राजधानी के रूप में जाना जाने वाला यह शहर लंबे समय तक राजा शिशुपाल के शासन का हिस्सा था, जिस वजह से यहां का इतिहास, विरासत और शहरीकरण उत्कृष्ट नजर आता है. इसके अलावा, यहां का वन्यजीव अभयारण्य, गुफाएं आदि भी भव्य चीजें समेटे हैं. धौली हिल्स, उदयगिरि और खंडगिरी गुफाएं, रत्नागिरी बौद्ध उत्खनन, बिंदु सरोवर, नंदन कानन जूलॉजिकल पार्क यहां का मुख्य आकर्षण का केंद्र है.
जगन्नाथ मंदिर
पुरी में स्थित, जगन्नाथ मंदिर भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है. यह हिंदू देवता भगवान विष्णु के अवतार जगन्नाथ को समर्पित है. यह प्रसिद्ध रथ यात्रा उत्सव का स्थल भी है. भक्त भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने के लिए ओडिशा जरूर जाते हैं. यह मंदिर चार धाम यात्रा में भी शामिल है.
पुरी
पुरी राजधानी से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर स्थित है. अगर आप किसी समुद्री जगह पर छुट्टी मनाने की सोच रहे हैं, तो एक बार यहां जरूर पहुंचे. ये जगह चार धाम यात्रा में भी महत्व मानी जाती है. यहां का पुरी बीच, चिल्का झील और पक्षी अभयारण्य और गुंडिचा प्रमुख आकर्षण का केंद्र है.
कटक
कटक महानदी नदी डेल्टा की नोक पर स्थित शहर है, जो पहले ओडिशा की राजधानी हुआ करता था. यह शहर राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. 1000 साल से भी अधिक के अपने इतिहास के लिए ये शहर सैलानियों के लिए खास शहर रहा है. महानदी बैराज, बाराबती का किला, भितरकनिका वन्यजीव अभयारण्य, अंसुपा झील, सिंगनाथ और भट्टारिका के मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण का केंद्र हैं.
धौली हिल्स
यह हिल्स दया नदी के तट पर स्थित है. यह भुवनेश्वर से 8 किमी की दूरी पर स्थित है. इसे आमतौर पर धौली शांति स्तूप के रूप में जाना जाता है. यह पर्यटकों के बीच आकर्षण का केन्द्र है. आप यहां अशोक स्तंभ, बुद्ध प्रतिमा पार्क और कई चीज़ें देख सकते हैं.
लिंगराज मंदिर
यह भुवनेश्वर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यहां भक्तों की साल भर भीड़ लगी रहती है. इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा विष्णु की भी पूजा की जाती है.
पारादीप
देश के सबसे पुराने बंदरगाहों में से एक पारादीप (जगतसिंहपुर जिले) खूबसूरत समुद्र तटों, घने जंगल, झरनों और किलों से भरा पड़ा है. पारादीप, महानदी और बंगाल की खाड़ी के मुहाने के इस खूबसूरत संगम पर बसा है, जिस वजह से यहां विशाल जहाजों और अन्य समुद्री गतिविधियों का नज़ारा देखा जा सकता है. यहां का पारादीप बंदरगाह, गहिरमाथा अभयारण्य, लाइट हाउस, झनकड़ी वाकई कमाल के हैं.
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Source : News Nation Bureau