आज 16 अगस्त से वैष्णो देवी (Vaishno Devi) की यात्रा शुरू हो गई है. करीब 148 दिन यानी पांच महीने से वैष्णो देवी की यात्रा कोरोना वायरस लॉकडाउन (Corona Virus Lockdown) के कारण स्थगित कर दी गई थी. यात्रा आपको सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के साथ करनी है. होटल और ढाबे अभी नहीं खुले हैं, यहां तक कि चाय की दुकान भी आपको अभी नहीं देखने को मिलेगी. जम्मू-कश्मीर तो अनलॉक हो चुका है, लेकिन कटरा अभी अनलॉक होने के बाद भी 'लॉक' है. कोरोना वायरस के कारण वैष्णो देवी की यात्रा में आपके लिए क्या बदलाव आएं हैं, आप जा रहे हों तो कैसे जाएं और क्या ख्याल रखें, आज हम इन बातों से आपको अवगत कराएंगे.
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जम्मू एयरपोर्ट पर अलग-अलग विमानों से आए यात्रियों को लाइन में लगा दिया जाता है. हर यात्री का रैपिड कोरोना टेस्ट अनिवार्य है, जिसकी रिपोर्ट आधे घंटे में आपके फोन पर आ जाएगी. कोरोना जांच के बाद ही कटरा में प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है. एयरपोर्ट से काफी दूर निकलने के बाद मूरी चेक पोस्ट पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारी हर आने-जाने वाली की डिटेल नोट करते मिलेंगे. स्थानीय लोगों को आई कार्ड देखने के बाद आने-जाने दिया जा रहा, लेकिन बाहर से आने वालों के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी है और वो भी लेटेस्ट.
कटरा रेलवे स्टेशन की बात करें तो वहां अभी कोई ट्रेन नहीं जा रही. होटल, रेस्टोरेंट, चाय-पानी की दुकानें सबकुछ बंद हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि कटरा तो आधिकारिक रूप से अनलॉक हो चुका है, लेकिन स्थानीय लोगों ने कोरोना वायरस से एहतियात के चलते खुद ही दुकानें नहीं खोलीं.
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कटरा में 18 मार्च से ही लॉकडाउन लग गया था. जुलाई के पहले हफ्ते में खुल भी गया लेकिन मार्केट अभी तक बंद है. स्थानीय होटल कारोबारियों का कहना है कि हमने होटल तो खोल रखी है लेकिन कोई आए तो. लेबर नहीं लौटी इसलिए किचन चालू नहीं किया. प्रशासन ने बाहर के केवल 100 यात्रियों को ही परमिशन दी है. इतने यात्रियों से क्या होगा.
मां वैष्णो देवी की यात्रा की शुरुआत बाणगंगा मार्ग पर दर्शनी गेट से होती है. वहां मेडिकल चेकअप के लिए टेंट लगेगा. यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी. उन्हें सैनिटाइज भी किया जाएगा, जिसके बाद ही यात्रा आगे बढ़ेगी. यात्रा के दौरान बीच-बीच में भी यात्रियों को सैनिटाइज करने की बात कही जा रही है. बाहर से आने वाले यात्री कोरोना टेस्ट कहां कराएंगे, यह अभी तक तय नहीं है.
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श्री माता वैष्णोदेवी श्राइन बोर्ड के अनुसार, सभी भक्तों को यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ही करवाना होगा. यात्रा रजिस्ट्रेशन काउंटर्स पर भीड़ न लगे, इसलिए ऐसा किया गया है. भक्तों को रोपवे और हेलिकॉप्टर की सुविधा जरूर मिलेगी. सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बैटरी ऑपरेटेड व्हीकल्स, पैसेंजर रोपवे और हेलीकॉप्टर की सुविधा उपलब्ध होगी. दूसरी ओर अटका आरती, श्रद्धासुमन विशेष दर्शन का लाभ भक्तों को नहीं मिल सकेगा. सामान रखने के लिए क्लॉक रूम की सुविधा दी जाएगी. घोड़े और खच्चर की सुविधा अभी नहीं मिलेगी.
आरोग्य सेतु ऐप सभी श्रद्धालुओं के फोन में इंस्टॉल होना चाहिए. साथ ही फेस मास्क या फेस कवर पहनना भी जरूरी है. 10 साल से कम उम्र के बच्चों और 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को यात्रा न करने की सलाह दी गई है. प्रेग्नेंट महिलाओं पर भी यह शर्त लागू होती है.
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श्रद्धालु जाते वक्त पारंपरिक बाणगंगा वाले रास्ते से जाएंगे और वापसी ताराकोट वाले रास्ते से करेंगे. जम्मू-कश्मीर में रेड जोन वाले जिलों से आने वाले भक्तों को भी कोरोना रिपोर्ट दिखानी होगी. श्रद्धालुओं के लिए ताराकोट और प्रसार केंद्र पर फ्री लंगर की सुविधा भी होगी.
Source : News Nation Bureau