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Moonland of Ladakh: धरती में रहकर लेना चाहते हैं चांद का आनंद तो लद्दाख का ये गांव जरूर देख आएं

Moonland of Ladakh: मूनलैंड लद्दाख के लेह जिले में स्थित है, जो लेह शहर से लगभग 70 किलोमीटर दूर है. यह स्थान लामायुरू गांव के पास स्थित है, जो एक बौद्ध मठ के लिए भी जाना जाता है.

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Inna Khosla
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Moonland of Ladakh

Moonland of Ladakh( Photo Credit : social media)

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Moonland of Ladakh: लद्दाख का मूनलैंड (Moonland of Ladakh) भारत में एक ऐसी जगह है जिसे धरती पर चांद का टुकड़ा कहा जाता है. लेह से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित लामायुरु गांव को मूनलैंड के नाम से जाना जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस गांव का भूगोल चंद्रमा जैसा ही है. यहां ना तो पेड़-पौधे हैं और ना ही ज्यादा हवा या कोई दबाव. सूखा पड़ा यह इलाका हमेशा से ऐसा नहीं था. माना जाता है कि यहां एक बहुत बड़ी झील हुआ करती थी. यह झील करीब 40 हजार साल पहले यहां हुआ करती थी. कहा जाता है कि 11वीं शताब्दी में यहां इस झील को हटाकर एक मठ की स्थापना की गई. लामायुरु लेह-लद्दाख की सबसे लोकप्रिय मठों में से एक है. यहां मंगल और चंद्रमा की शोध करने के लिए वैज्ञानिक आते हैं. यह इलाका वैज्ञानिक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जाता है. चूंकि यहां का वातावरण मंगल ग्रह के वातावरण जैसा है, तो वैज्ञानिक यहां आकर मंगल ग्रह पर जाने की तैयारियां करते हैं. अपनी अनोखी भौगोलिक विशेषताओं के कारण, लामायुरु वैज्ञानिक अनुसंधान का भी केंद्र बन गया है. चूंकि यहां का वातावरण कुछ हद तक मंगल ग्रह के वातावरण से मिलता-जुलता है, तो वैज्ञानिक यहां आकर अंतरिक्ष अनुसंधान करते हैं. 

लामायुरु लेह-लद्दाख की विशेषताएं

1. चंद्रमा की सतह जैसी भौगोलिक विशेषताएं

लामायुरु गांव को "मूनलैंड" के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसकी भौगोलिक बनावट चंद्रमा की सतह जैसी ही है. यहां कोई वनस्पति नहीं है, और धरती चट्टानों और रेत से ढकी हुई है. यह अद्भुत दृश्य पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है.

2. लामायुरु मठ

यह 11वीं शताब्दी का मठ लामायुरु गांव का मुख्य आकर्षण है. यह तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुगपा संप्रदाय का एक महत्वपूर्ण मठ है. मठ अपनी भव्य वास्तुकला, बौद्ध चित्रों और मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है.

3. शांतिपूर्ण वातावरण

लामायुरु गांव शांत और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है. यहां आकर आपको शहर की भागदौड़ से दूर शांति और सुकून का अनुभव होगा.

4. ट्रेकिंग और साहसिक गतिविधियां

लामायुरु ट्रेकिंग और साहसिक गतिविधियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है. यहां आप कई ट्रेकिंग ट्रेल्स पा सकते हैं जो आपको आसपास के पहाड़ों और घाटियों के शानदार दृश्य दिखाते हैं.

5. स्थानीय संस्कृति

लामायुरु गांव में आप स्थानीय लद्दाखी संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं. यहां के लोग मिलनसार और मेहमाननवाज हैं.

विशेष रूप से, मंगल ग्रह पर मानव मिशन की तैयारियों के लिए वैज्ञानिक दल यहां आकर अनुसंधान कार्य करते हैं. माना जाता है कि मंगल ग्रह की सतह के वातावरणीय अध्ययन के लिए लामायुरु पृथ्वी पर मौजूद सबसे उपयुक्त स्थलों में से एक है. लद्दाख का मूनलैंड अपनी प्राकृतिक छटा और वैज्ञानिक महत्व के कारण पर्यटकों और वैज्ञानिकों को समान रूप से आकर्षित करता है. यह धरती पर स्थित एक ऐसा अनूठा स्थल है, जो हमें चांद की सतह का अनुभव कराता है और साथ ही अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

लामायुरु जाने का सबसे अच्छा समय मई से सितंबर तक का होता है, जब मौसम सुखद होता है. लामायुरु लेह-लद्दाख में एक अनोखा और सुंदर स्थान है. यह अपनी चंद्रमा जैसी भौगोलिक विशेषताओं, शांतिपूर्ण वातावरण, और समृद्ध संस्कृति के लिए जाना जाता है. यदि आप लेह-लद्दाख की यात्रा कर रहे हैं, तो लामायुरु जाना न भूलें. गर्म कपड़े साथ ले जाएं, क्योंकि रातें ठंडी हो सकती हैं. ऊंचाई की बीमारी से बचने के लिए धीरे-धीरे ऊंचाई बढ़ाएं. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं. सनस्क्रीन, टोपी और धूप का चश्मा लगाएं. स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें. कूड़ा-करकट न फैलाएं.

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Source : News Nation Bureau

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