नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पर्वतारोहण और ट्रेकिंग गतिविधियों में हिस्सा लेने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, ताकि कोविड-19 को फैलने से रोका जा सके. द हिमालयन टाइम्स ने बताया कि इसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्देश यह है कि पर्यटकों के देश में वीजा-प्रोविजन न होने पर वे उनके साथ समन्वय वाली एजेंसियों के जरिए अपने लिए एंट्री-वीजा या एंट्री-परमिट ले लें.
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यात्रियों को 72 घंटे के अंदर किए गए टेस्ट की एक पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट भी ले जानी चाहिए, ताकि साबित हो सके कि वह व्यक्ति कोविड-19 निगेटिव था. इसके अलावा पर्यटक को होटल बुकिंग के दस्तावेज और 5000 डॉलर के बीमा को भी दर्शाना होगा. पर्यटक को नेपाल पहुंचने के बाद 7 दिन तक अनिवार्य तौर पर क्वारंटीन में रहना होगा. क्वारंटीन के दौरान यात्री को पांचवे दिन अपना पीसीआर परीक्षण कराना होगा और पॉजिटिव आने पर तब तक क्वांरटीन में रहना होगा, जब तक कि उसका परीक्षण फिर से निगेटिव न आ जाए. यात्रियों को सभी निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.
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वहीं 8 बार एवरेस्ट फतह कर चुके पर्वतारोही पेम्बा शेरपा ने नए दिशानिर्देशों की आलोचना करते हुए कहा है कि आगामी सीजन में ट्रेकर्स और पर्वतारोही नहीं होंगे. उन्होंने कहा, 'वे निगेटिव पीसीआर रिपोर्ट होने के बाद भी एक हफ्ते के लिए होटल में रहने यहां नहीं आएंगे."
बता दें कि नेपाल ने 5 महीने बाद 30 जुलाई को ही माउंट एवरेस्ट और अन्य हिमालयी चोटियों को फिर से खोला है. सरकार ने महामारी के कारण मार्च से मई तक के परमिट रद्द कर दिए थे. आमतौर पर एवरेस्ट के एक अभियान में 45 से 90 दिन लगते हैं.
Source : IANS