डॉक्टर का दर्जा हमारे समाज में बहुत ऊंचा है. डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है. डॉक्टर मरीज को बचाने में तन मन से सेवा करते हैं. कुछ लोग धन से भी इलाज करते हैं. मुफ्त में इलाज करते हैं. ऐसे लोगों का यह सराहनीय कार्य बहुत ऊंचा स्थान प्रदान करता है. हर साल 1 जुलाई को भारत में डॉक्टर्स डे (Doctor’s Day) मनाया जाता है. भारत के मशहूर चिकित्सक डॉ. बिधान चन्द्र रॉय को श्रद्धांजलि देने के लिए डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. कई डॉक्टर्स समाज में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ साथ लगातार परिवर्तन लाने की कोशिश भी कर रहे हैं. डॉक्टर्स डे के मौके पर आइए आपको बताते हैं भारत के कुछ ऐसे डॉक्टर्स के बारे में जो धरती पर गरीबों के लिए हैं भगवान हैं.
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डॉ. योगी ऐरन
डॉ. योगी ऐरन उत्तराखंड के देहरादून में रहते हैं. उनकी उम्र करीब 80 वर्ष है. उन्होंने अपना पूरा जीवन ऐसे लोगों को समर्पित कर दिया, जो जंगली जानवर के शिकार बनें या फिर किसी कारणवश आग से झुलस गए. इन परिस्थितियों से जूझ रहे लोगों को डॉ. योगी बचाने की कोशिश करते हैं. हर साल करीब 500 से अधिक लोगों की यह मुफ्त में सर्जरी करते हैं. इस अभियान में उनके साथ एक असिस्टेंट भी है, जो करीब 25 सालों से उनका साथ निभा रहा है. इतना ही नहीं डॉ. ऐरन का बेटा भी उनकी मदद करता है.
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डॉ. मनोज कुमार
डॉ. मनोज कुमार ने करीब 15 सालों तक ब्रिटेन में मनोचिकित्सक के रूप में काम किया है. इसके बाद वह केरल लौटे और ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे मानसिक रोगियों का मुफ्त में इलाज करना शुरू किया. उन्होंने 2008 में केरल के कोझिकोड में मेंटल हेल्थ एक्शन ट्रस्ट की स्थापना की थी. इस पहल में उनके साथ कई लोगों ने अपना हाथ आगे बढ़ाया था. वर्तमान में इस ट्रस्ट के साथ करीब 1 हजार लोग जुड़े हुए हैं.
डॉ. मनोज दुरईराज
कार्डियक सर्जन डॉ. मनोज दुरईराज पुणे में एक क्लीनिक चलाते हैं. क्लीनिक के साथ-साथ डॉ. मनोज दुरईराज मेरियन कार्डियक सेंटर और रिसर्च फाउंडेशन भी चला रहे हैं. इस फाउंडेशन की शुरुआत उनके पिता डॉ. मैनुअल दुरईराज ने की थी. डॉ. मनोज के पिता भी कार्डियोलॉजिस्ट थे. उनके पिता ने 2 दशक तक भारतीय आर्मी और तीन पूर्व राष्ट्रपतियों की देखभाल की थी.