छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान में पहली बार जंगल ट्रैकिंग प्रेरकों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग ने खास पहल शुरू की है. जहां पहली बार जंगल ट्रैकिंग के कार्यक्रम में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, बंगाल, केरल, तमिलनाडु से कुल 11 ट्रैकर्स आए हुए थे. वन विभाग द्वारा रामगढ़ के ग्राम झापर से लगे बीजापुर नदी उद्गम स्थल से होते हुए गिधेर में कलश पहाड़ से होते हुए तुरी पानी ग्राम से टेढिया बांध तक कुल 35 किलोमीटर का ट्रैक तैयार कर भ्रमण कराया गया.
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इस ट्रैकिंग के दौरान जंगल में टेंट लगाकर 2 रात और 1 रात गांव तुर्री पानी में ग्रामीणों के सहयोग से उनके साथ रात गुजारने की व्यवस्था की गई. ट्रैकिंग करने आए लोगों ने बताया कि उन्होंने कई जगह ट्रैकिंग की है, लेकिन जितना मजा उन्हें यहां आ रहा है, उतना पहले कहीं नहीं आया था. उन्होंने कहा कि यहां के जंगल, पहाड़, नदियां और वन्य प्राणी बहुत ही आकर्षक और रोचक हैं. उनका कहना है कि वे यहां दोबारा आने चाहेंगे.
ट्रेनिंग के दौरान वन विभाग द्वारा यह प्रयास रहा कि ग्रामीणों को भी इसका लाभ दे सकें. पर्यटकों के लिए वन विभाग के वाहन से भोजन सामग्री एवं भोजन बनाने के लिए मिस्त्री, सामान उठाने एवं टेंट लगाने के लिए श्रमिक एवं क्षेत्र की जानकारी हेतु गाइड जैसी तमाम व्यवस्था स्थानीय लोगों की मदद से ही पूरी की गई.
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छत्तीसगढ़ ट्रैकिंग करने आए लोगों में अंकित तेलंग, नागपुर से कार्तिक और अजहिक, दिल्ली से सिराज, मुंबई से सनी पटेल, रायगढ़ से पुनीता संधू, पंजाब से दिनेश, चेन्नई से उदय पाने देवयानी दत्ता, कोलकाता से नीलेश और अभिनव शामिल रहे.
Source : News Nation Bureau