World Tourism Day 2023: दुनिया के सात अजूबों को देखने का हर किसी का मन होता है. फिर चाहे ताज महल हो या चीन की दीवार. यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल इन इमारतों को देखने के लिए पैसे और वक्त दोनों की जरूरत पड़ेगी. लेकिन विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर आज हम आपको तस्वीरों के माध्यम से ही दुनिया के इन सात अजूबों की न सिर्फ सैर कराएंगे बल्कि उनके बारे में भी बताएंगे. बता दें कि दुनियाभर में 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है.
जिसकी शुरूआत संयुक्त राष्ट्र पर्यटन संगठन ने साल 1980 में की थी. हालांकि इससे 10 साल पहले 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन का कानून 27 सितंबर को ही स्वीकार किया गया था. इसिलए इसकी वर्षगांठ के मौके पर ही पर्यटन दिवस मनाया जाने लगा. विश्व के सात अजूबे किन देशों में हैं और इनके नाम क्या है ये आज हम आपको बता रहे हैं.
माचू पिच्चू, पेरू (Machu Picchu, Peru)
माचू पिच्चू का नाम भी दुनिया के सात अजूबों की लिस्ट में शामिल है. ये एक ऐतिहासिक स्थल है जो दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में है. यहां हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं. इस स्थान का इतिहास इंका सभ्यता से जुड़ा हुआ है. पेरू में लोग इस स्थान को इंकाओं का खोया हुआ शहर के नाम से भी जानते हैं. इसके अलावा पेरू में लोग माचू पिच्चू को एक एतिहासिक देवालय भी कहा जाता है. इसके अलावा कुछ लोग इस शहर की स्थान को एलियंस से जोड़कर भी देखते हैं.
ब्राजील का क्राइस्ट द रिडीमर (Christ the Redeemer)
इसके अलावा दुनिया के सात अजूबों में ब्राजील का क्राइस्ट द रिडीमर का नाम शामिल है. ये एक 125 फीट लंबी मूर्ति है जिसे हेटर दा सिल्वा कोस्टा ने डिजाइन किया था. इस मूर्ति का निर्माण फ्रांस में किया गया था, लेकिन हैरानी का बात ये है कि इसे बाद में ब्राजील की एक पहाड़ की चोटी पर स्थापित कर दिया गया. ऐसा कहा जाता है कि इस मूर्ति पर बिजली के गिरने का खतरा बना रहता है. यही नहीं इस मूर्ति के ऊपर हर साल तीन से चार बार बिजली गिर भी जाती है.
चिचेन इट्जा, मेक्सिको (Chichén Itzá, Mexico)
दक्षिण अमेरिकी देश मेक्सिको में स्थित चिचेन इट्जा को माया सभ्यता से जुड़ा बताते हैं. जो एक बेहद खूबसूरत अजूबा है. इसके साथ ही ये देश का सबसे संरक्षित पुरातात्विक स्थल भी है. जिसका इतिहास 1200 साल से ज्यादा पुराना है.
ऐसा कहा जाता है कि पूर्व-कोलंबियाई माया सभ्यता के लोगों ने 9वीं से 12वीं शताब्दी के बीच चिचेन इट्जा का निर्माण किया होगा. चिचेन इट्डा में कई पिरामिड, मंदिर, खेल के मैदान और कॉलम बनाए गए हैं जिन्हें देखना अपने आप में सुकून देने वाला है. ऐसा माना जाता है कि अक्सर असामान्य आवाजें भी सुनाई देती हैं.
ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, चीन (Great Wall of China)
चीन की दीवार के बारे में तो आपने सुना ही होगा. जिसे दुनिया की सबसे बड़ी दीवार माना जाता है. इसीलिए इस दीवार को ग्रेट वॉल ऑफ चाइना कहा जाता है. चीन की ये दीवार भी दुनिया के सात अजूबों में शुमार है. इस दीवार का निर्माण चीन के पहले शासक किन शी हुआंग ने कराया था.
इस दीवार का निर्माण करने में 20 साल का वक्त लगा था. ये विशाल दीवार 21,196 किलोमीटर लंबी है. इस दीवार का निर्माण सम्राट हुआंग ने अपने साम्राज्य की रक्षा के लिए करवाया था. ऐसा कहा जाता है कि ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के निर्माण के दौरान 10 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. इसीलिए इस दीवार को दुनिया का सबसे लंबा कब्रिस्तान भी कहा जाता है.
जॉर्डन का पेट्रा (Porden Petra)
खाड़ी के देश जॉर्डन में पेट्रा नाम की एक ऐतिहासिक इमारत या शहर है जिसे जॉर्डन का पेट्रा कहा जाता है,. ये शहर गुलाबी रंग के बलुआ पत्थरों से बना हुआ है. पूरा शहर गुलाबी रंग का होने की वजह से इसे रोज सिटी के नाम से भी जाना जाता है.
ये शहर भी दुनिया के सात अजूबों में शामिल है. एक पेट्रा में कई मकबरे और मंदिर बने हुए हैं. जिन्हें देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक यहां पहुंचते हैं.
इटली का कालीज़ीयम (Colosseum, Italy)
यूरोपीय देश इटली को अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है. इटली की राजधानी रोम में एक ऐतिहासिक इमारत है. जिसे कालीजियम के नाम से जाना जाता है. ये इमारत भी विश्व के सात अजूबों में शामिल है.
इसका निर्माण सम्राट टाइटस वेस्पेशियन ने 70 ईसवी और 82 ईसवी के बीच कराया था. इस बनाने में नौ साल का वक्त लगा था. रोम के कालीजीयम को दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित और प्राचीन एम्फीथिएटर भी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इसके अंदर चार लाख लोगों की मौत हुई थी.
भारत का ताजमहल (Taj Mahal, India)
ताज महल के बारे में कौन नहीं जानता. आगरा में स्थित ताजमहल को मौहब्बत की निशानी कहा जाता है. सफेद संगमरमर से बनी ये इमारत भी दुनिया के सात अजूबों में शामिल हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, ताज महल को देखने के लिए रोजाना 50 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं.
सफेद रंग की ये इमारत प्रेम के प्रतीक के रूप में दुनियाभर में प्रसिद्ध है. ताजमहल का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज की याद में कराया था. जिसे बनाने में 20000 कारीगरों को 20 साल लग गए थे. ऐसा कहा जाता है कि ताजमहल की संरचना को दोबारा न बनवाया जा सके, इसलिए शाहजहां ने सभी कारीगरों के हाथ कटवा दिए थे.
ये भी पढ़ें: World Tourism Day 2023: IRCTC दे रहा बड़ा मौका, तीन दिनों के लिए एयर टिकट बुकिंग पर बंपर छूट
Source : News Nation Bureau