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पीरियड्स में पैड्स का यूज छीन सकता है मां बनने का सपना, यहां जानें इसका इस्तेमाल करने का तरीका

एक ना एक टाइम बाद तो हर लड़की को पीरियड्स का सामना करना पड़ता है. वहीं इसका दर्द जो होता है वो भी काफी ज्यादा खतरनाक होता है. पीरियड्स 5 से 6 दिनों तक होते हैं.

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Nidhi Sharma
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सेनेटरी पैड (Social Media)

सेनेटरी पैड (Social Media)

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एक ना एक टाइम बाद तो हर लड़की को पीरियड्स का सामना करना पड़ता है. वहीं इसका दर्द जो होता है वो भी काफी ज्यादा खतरनाक होता है. पीरियड्स 5 से 6 दिनों तक होते हैं. इस टाइम महिलाएं पैड्स का यूज ज्यादा करती हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि इसका इस्तेमाल कितना आपके लिए सुरक्षित है या नहीं. क्या आप जानते है कि पैड का इस्तेमाल करने से आपका जो मां बनने का सुख है वो छीन जाएगा. आइए आपको इसेक बारे में बताते है. 

सैनेटरी पैड कितने खतरनाक 

काफी सारी जगह सैनिटरी पैड का इस्तेमाल सुरक्षित माना जाता है. वहीं कुछ स्टडी में सामने आया है कि सैनिटरी पैड के उपयोग से जननांग का कैंसर (genital cancer) भी हो सकता है.ऐसे पैड जिनमें लंबे समय तक सोखने की क्षमता रहती है, उनमें डाइऑक्सिन और सुपर-अब्सॉर्बेंट पॉलिमर जैसे एजेंटों का उपयोग किया जाता है. डायोक्सिन की प्रकृति शरीर में जमा होने के कारण सर्वाइकल कैंसर या ओवेरियन कैंसर हो सकता है. हर महिला को कम से कम 3-4 घंटे में सैनिटरी पैड को बदलना चाहिए, भले ही वह हैवी पीरियड्स न हो.

ये चीज होती है पैड में 

पैड में जो सफेद चीज होती है, वो साफ होती है. अधिकांश लोग मानते हैं कि जो सफेद है, वो साफ है. लेकिन आपको बता दें, सैनिटरी पैड को ब्‍लीच से चमकदार और सफेद बनाया जाता है. ब्लीच करने के लिए डाइऑक्सिन नाम के रसायन का यूज किया जाता है. जो लिवर की सेहत खराब करने से लेकर त्वचा को काला,पेल्‍विक की सूजन, हार्मोनल शिथिलता, मधुमेह और ओवरी के कैंसर और इम्‍यूनिटी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है.

पैड यूज करने के नुकसान

बांझपन का खतरा

पैड में ब्लड की स्मेल को काबू में करने के लिए डिओडोरेंट या न्यूट्रलाइजर मिलाए जाते हैं. सुगंधित पैड के साथ जोखिम यह है कि वे आपकी प्रजनन क्षमता पर गलत तरह से असर डालते हैं. इससे महिलाओं में वेजाइनल यीस्‍ट इंफेक्‍शन और अन्य संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है.

कैंसर का खतरा

पैड का इस्तेमाल करने से जननांग में कैंसर का खतरा होता है. जो महिलाएं हर महीने पैड का इस्तेमाल करती हैं उन्हें यह समस्या हो सकती है. यह समस्या उनके साथ होती है जो रसायन वाले पैड्स का इस्तेमाल करती हैं. पैड्स में मौजूद यह रसायन आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.

कीटनाशक का खतरा

सैनिटरी पैड में कॉटन का इस्तेमाल किया जाता है. फसलों को कीटों से दूर रखने के लिए उनपर कीटनाशकों का स्‍प्रे किया जाता है. और इसी रूई से पैड बनाए जाते हैं. ऐसे में इन पैड्स का इस्तेमाल करने से कीटनाशक रक्तप्रवाह के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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