हमारा जो शरीर है उसमें काफी सारे हार्मोन होते है. जिनका हमारे शरीर में काफी अहम रोल होता है. इन हार्मोन की वजह से ही शरीर काम करता है और ये हार्मोन ही शरीर को उकसाते है काम करने के लिए. फिर वो खाना खाना हो, कहीं पर जाना हो या फिर कोई और काम हो. जिस तरह हमारे टेंशन या फिर स्ट्रेस के लिए कार्टिसोल हार्मोन जिम्मेदार होता है. उसी तरह डोपामाइन हार्मोन हमारी खुशी के लिए जिम्मेदार होता है. वैसे तो डोपामाइन हार्मोन की कमी किसी को भी हो सकती है. लेकिन घर की महिलाएं अगर इस तरह की हरकतें कर रही हैं तो समझ जाएं कि उनके शरीर में हैप्पी हार्मोन यानी डोपामाइन की कमी हो गई है. आइए आपको बताते है कि आप इसे दूर कैसे कर सकते है.
काम में मन ना लगना
किसी भी काम को करने का मन नहीं होता. चाहे वो घर का काम हो या फिर बाहर का, तो इसका मतलब है कि शरीर को हैप्पी हार्मोन की जरूरत है. जो दिमाग को मोटिवेट कर सके और खुशी दे सके.
बिस्तर से उठने का नहीं मन
बिना काम किए ही शरीर में थकावट का अनुभव होना या छोटे-मोटे काम करने के बाद ही थकान महसूस होना. शारीरिक कमजोरी महसूस नहीं होती लेकिन बिस्तर से उठने का दिल नहीं करता है तो ये डोपामाइन हार्मोन की कमी है.
स्ट्रेस
छोटी बातों के लिए भी टेंशन और स्ट्रेस होने लगता है तो ये डोपामाइन की कमी के लक्षण होते हैं. हैप्पीनेस महसूस नहीं होती अच्छी और खुशी वाली बातें याद करने के बाद भी हैप्पीनेस महसूस नहीं होती तो शरीर में हैप्पी हार्मोन की कमी है.
नींद ना आना
नींद का एहसास होने के बाद भी अगर नींद नहीं आती है तो ये डोपामाइन हार्मोन की कमी का संकेत है.
पार्टनर के लिए अट्रैक्शन नहीं
सेक्स ड्राइव में कमी डोपामाइन हार्मोन की कमी होने पर लिबिडो लो हो जाता है और सेक्स ड्राइव महसूस नहीं होती. पार्टनर के प्रति किसी भी तरह का अट्रैक्शन महसूस नहीं होता.
कब्ज की दिक्कत
कब्ज महसूस होना हर वक्त पेट में गैस बनना, अचानक से ज्यादा कब्ज महसूस होना भी डोपामाइन हार्मोन की कमी के लक्षण हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)