Swelling in uterus: यूट्रस (uterus) यानि बच्चेदानी महिलाओं की बॉडी में पाया जाने वाला एक जरूरी अंग है जिसकी मदद से किसी भी महिला को मां बनने का सुख हासिल होता है. महिलाओं के गर्भाशय में अगर थोड़ी भी दिक्कत आ जाए तो महिला के मां बनने में दिक्कत हो सकती है. एंडोमेट्रैटिस (Endometritis) अथवा बच्चेदानी में सूजन, गर्भाशय की एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय के भीतरी अस्तर में किसी संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है. स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया भर में लगभग 19 करोड़ महिलाएं इसकी शिकार हैं.
25 लाख महिलाओं को ये बीमारी
द एंडोमेट्रियोसिस सोसाइटी ऑफ इंडिया के अनुसार, भारत में तकरीबन 25 लाख महिलाओं को ये बीमारी है. एंडोमेट्रैटिस की समस्या महिलाओं में उनके प्रसव के वर्षों में पाई जाती है. कुछ मामलों में 11 वर्ष की लड़कियों में भी बच्चेदानी में सूजन की समस्या आ जाती है. लगभग 40 फीसदी महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस की वजह से गर्भधारण करने में दिक्कत आती है.
बच्चेदानी की सूजन के कारण
बच्चेदानी की सूजन आने से उसका साइज बढ़ने लगता है. इस बीमारी के कई कारण है जैसे इंफेक्शन, हॉर्मोनल बदलाव, बच्चेदानी में गांठ होने के कारण और कई बार कैंसर जैसी बीमारी की वजह से भी बच्चेदानी में सूजन आ सकती है.
ये होती है परेशानी
- बच्चेदानी में सूजन होने पर पेट के निचले हिस्से में पेट दर्द परेशान कर सकता है.
- पेट में भारीपन हो सकता है और बुखार भी आ सकता है.
- बार-बार पेशाब आना और कमर का दर्द होना.
- पीरियड के दौरान अधिक ब्लीडिंग होना.
- समय से पहले पीरियड का शुरु होना.
- बच्चेदानी की सूजन की वजह से कंसीव करने में दिक्कत होना.
- वजाइना से बदबूदार पानी आना जैसे लक्षण शामिल हो सकते हैं.
बच्चेदानी में सूजन क्यों होता है
फाइब्रॉएड
गर्भाशय फाइब्रॉएड (Uterine fibroids) गर्भाशय की मांसपेशियों की दीवार के सामान्य गैर-कैंसरयुक्त ट्यूमर हैं, जो 50 वर्ष की आयु तक 10 में से 8 महिलाओं को प्रभावित करते हैं. ये अक्सर 30 से अधिक उम्र की महिलाओं को प्रभावित करते हैं. अगर आपका वजन अधिक है या आप मोटापे से ग्रस्त हैं, तो आपको फाइब्रॉएड का खतरा अधिक है. इसकी वजह से बच्चेदानी में सूजन हो सकती है. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
एडेनोमायोसिस
एडेनोमायोसिस (Adenomyosis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें टिशूज सामान्य रूप से गर्भाशय (एंडोमेट्रियम) की लाइनिंग पर बढ़ने लगते हैं. गर्भाशय की मांसपेशियां मोटी हो जाती है. इससे गर्भाशय का व्यापक रूप से मोटा होना शुरू हो जाता है. जब यह केवल एक छोटे से क्षेत्र को प्रभावित करता है, तो इसे एडेनोमायोमा कहा जाता है. यह उन लोगों में अधिक आम है जिनकी गर्भाशय की सर्जरी हुई हो, जिसमें सिजेरियन सेक्शन भी शामिल है. जन्म नियंत्रण की गोलियां या आईयूडी लगवाना इसका कारण बन सकता है. ऐसे में सही समय पर इलाज न करवाने पर महिलाओं को हिस्टेरेक्टॉमी की जरूरत पड़ सकती है.
प्रजनन अंगों से जुड़ा कैंसर
गर्भाशय (uterus), एंडोमेट्रियम (endometrium) और गर्भाशय ग्रीवा (cervix) के कैंसर सभी ट्यूमर पैदा कर सकते हैं. ट्यूमर के आकार के आधार पर, आपका गर्भाशय सूज सकता है. ऐसे में पीरियड्स से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. पेशाब करते समय दर्द होना और ये प्लविक हिस्से में रहना इसका संकेत हो सकता है. इसलिए इन कारणों को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर को दिखाएं.
बच्चेदानी की सूजन दूर करने के लिए घरेलू उपाय
- सोंठ और नीम के पत्ते को उबालकर उसकी चाय बना लें और उसका सेवन करें.
- दूध में हल्दी मिलाकर पीने से बच्चेदानी की सूजन से निजात मिलती है.
- अंरडी के पत्तों को पानी में उबालकर छान लें और उसका सेवन करें सूजन की समस्या दूर होगी.
- बच्चेदानी की सूजन को दूर करने के लिए भी बादाम का सेवन दूध के साथ करें सूजन से छुटकारा मिलता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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