आपने एलजीबीटी तो सुना ही होगा, वहीं अब एक एब्रोसेक्सुअलिटी वर्ड काफी ट्रेंड में है. आइए पहले आपको एलजीबीटी के बारे में बताते है. एलजीबीटी (LGBTQ) में L लेस्बियन के लिए है, जो उन महिलाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो अन्य महिलाओं के प्रति आकर्षित होती हैं. G गे के लिए है, जो उन पुरुषों के बारे में बताता है, जो अन्य पुरुषों के प्रति आकर्षित होते हैं. B बाईसेक्सुअल के लिए है, जो ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के प्रति आकर्षित हो सकते हैं. वहीं, T ट्रांसजेंडर, जो कि एक अलग लैंगिक पहचान रखते हैं जो उनके जन्म के साथ ही तय हो जाती है. वहीं Q को दूसरे वर्गों को जोड़कर इसे क्वियर समुदाय का नाम दिया है. वहीं अब एक अलग ही वर्ड ट्रेंड कर रहा है जो कि
एब्रोसेक्सुअलिटी है. आइए आपको इसके बारे में डिटेल में बताते है.
क्या है Abrosexuality
एब्रोसेक्सुअलिटी शब्द का मतलब है कि किसी व्यक्ति के अंदर सेक्स के प्रति जो भावनाएं होती हैं, वो समय के साथ बदलती रहती हैं. ये भावनाएं कभी किसी खास तरह के लोगों के प्रति ज्यादा होती हैं, तो कभी किसी और तरह के लोगों के प्रति. वहीं सीधे शब्दों में समझें, तो ऐसे लोगों को कभी-कभी लड़कों की तरफ आकर्षण महसूस होता है तो कभी लड़कियों की तरफ. ये अट्रैक्शन कितना ज्यादा या कम है, ये भी समय के साथ बदलता रहता है.
Abrosexuality और Bisexual में क्या है अंतर
एब्रोसेक्सुअलिटी इंसान कभी पुरुषों के प्रति आकर्षित महसूस करता है, तो कभी महिलाओं के लिए. वहीं जो बाईसेक्सुएलिटी का मतलब है कि एक इंसान दो या दो से अधिक लिंगो के प्रति यौन आकर्षित हो सकता है. इस तरह की सेक्सुअलिटी टाइम के साथ बदलती नहीं रहती हैं.
Abrosexuality, पॉलीसेक्सुअलिटी और पैनसेक्सुअलिटी में क्या है फर्क
एब्रोसेक्सुअलिटी इंसान कभी पुरुषों के प्रति आकर्षित महसूस करता है, तो कभी महिलाओं के लिए. वहीं पैनसेक्सुअलिटी की बात करें तो यह सभी लिंगों के लोगों के प्रति यौन, रोमांटिक या भावनात्मक रूप से आकर्षण के तौर पर पहचाना जाता है. वहीं जो पॉलीसेक्सुअलिटी होता है वह बहुलैंगिक व्यक्ति को कहा जाता है. इश तरह के व्यक्ति कई लिंगों के प्रति आकर्षित हो सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)