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क्या है 'बेड रोटिंग' ट्रेंड? क्यों युवाओं में हो रही है इस ट्रेंड की इतनी लोकप्रियता?

बेड रोटिंग के जरिए लोग अपने काम के प्रेशर को कम करने के लिए सेल्फ केयर पर फोकस करते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि कई बार अधिक थकान होने की वजह से हमारा कोई काम करने का मन नहीं करता, केवल आराम करने का मन करता है.

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Pooja Kumari
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Bed Rotting: आज का समय सोशल मीडिया का है, ऐसे में आय दिन सोशल मीडिया पर नए-नए ट्रेंड आते रहते है. आज के युवा अपना अधिकतर समय  सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं. बता दें कि युवाओं में यही क्रेज रहता है कि जो भी ट्रेंड आए उन्हें वे सबसे पहले फॉलो करें. इन्हीं में से एक ट्रेंड अभी सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हो रहा है, जिसे बेड रोटिंग (Bed Rotting) कहा जाता है. बता दें कि बेड रोटिंग के जरिए लोग अपने काम के प्रेशर को कम करने के लिए सेल्फ केयर पर फोकस करते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि कई बार अधिक थकान होने की वजह से हमारा कोई काम करने का मन नहीं करता, केवल आराम करने का मन करता है. इसे GenZ की भाषा में (Bed Rotting)कहा जाता है. 

क्या है बेड रोटिंग (Bed Rotting)

दिनभर की थकान और ऑफिस की स्ट्रेस के बाद हमें लगता है कि हफ्ते में एक दिन ऐसा होना चाहिए, जिस दिन हमें कोई काम न करना पड़े. ये कोई नई बात नहीं है लेकिन कई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर इसे बेड रोटिंग का नाम दिया जा रहा है. बेड रोटिंग वैसे तो एक रिलैक्सिंग प्रोसेस है लेकिन इससे आपकी सेहत को भी नुकसान हो सकता है. क्योंकि बेड रोटिंग के दौरान आप कोई काम नहीं करते और अपना पूरा समय बिस्तर पर लेटे लेट बिता देते हैं. बता दें कि अगर आप भी इस ट्रेंड को फॉलो करना चाहते हैं तो, आप इसे लेटे-लेटे किसी से बात करके या फिर मूवी देखकर भी कर सकते हैं. 

सेहत के लिए नुकसान 

दिन भर बेड पर लेटे रहने से आपको कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इससे आपके बैकबोन, मांसपेशियों में दर्द और एंठन शुरू हो सकता है. दिन भर बेड पर लेटे रहने से शरीर में आलस महसूस होने लगता है. और इससे आपका मोटापा बढ़ने का खतरा भी बढ़ सकता है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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