फूड एडिक्शन एक गंभीर स्थिति है. जहां खाना सिर्फ एक शारीरिक जरूरत नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्मक का भी स्रोत बन जाता है. वहीं, क्रेविंग एक अस्थायी तलब है, जो किसी खास खाद्य पदार्थ के प्रति होती है. वहीं किसी चीज को खाने की अचानक तेज तलब और इच्छा एडिक्शन होती है. वहीं काफी एडिक्शन ऐसे होते हैं, जैसे शराब, सिगरेट, ड्रग्स जैसी चीजें होती है. काफी लोग ऐसे होते है जो कि फूड क्रेविंग और फूड एडिक्शन एक ही होता है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दोनों में काफी अंतर होता है. आइए आपको बताते है कि दोनों में क्या अंतर होता है.
क्या है फूड एडिक्शन?
फूड एडिक्शन एक तरह का ईटिंग डिसऑर्डर है. जो कि खाना मात्र एक जरूरत और एनर्जी देने का सिर्फ एक जरिया नहीं, बल्कि आनंद और मानसिक सुकून के लिए भी आहार बनता है. जो कि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थय के साथ खिलवाड़ करता है. इसे को फूड एडिक्शन कहते है. इंसान फूड एडिक्शन से गुजरता है, तो इसके लिए खाना ही एक ड्रग के सामान हो जाता है.
क्या है फूड क्रेविंग
फूड क्रेविंग एक ऐसी पावरफुल इच्छा होती है, जिसमें अक्सर अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड जैसे चॉकलेट या आइसक्रीम खाने की इच्छा होती है. एक्सपर्ट के अनुसार ऐसा तब होता है, जब शरीर में या तो न्यूट्रिएंट की कमी होती है, या फिर ब्लड शुगर असंतुलित होता है या फिर स्ट्रेस या एंग्जायटी होती है. इससे एनर्जी बूस्ट के लिए, न्यूट्रिएंट की कमी को पूरा करने के लिए या फिर डोपामिन हिट के लिए शरीर क्रेविंग के सिग्नल देता है. ये टेंपरेरी होता है और किसी खास स्थिति से ट्रिगर होता है, जैसे स्ट्रेस या हार्मोनल असंतुलन. क्रेविंग फूड एडिक्शन का एक हिस्सा मात्र है. जबकि फूड एडिक्शन अपने आप में एक बीमारी है, एक फूड डिसऑर्डर है, जिसकी पहचान करना बेहद जरूरी है.
फूड एडिक्शन के लक्षण
इसमें आप हर टाइम कुछ ना कुछ खाने को ढूंढते रहते हैं.
आपके दिमाग में खाने का विचार रहता ही है. एक मील लेने के बाद आप तुरंत कुछ और खाने के बारे में सोचने लगते हैं.
आप खाना छुपाते हैं और किसी और को हाथ भी नहीं लगाने देते है.
कोई अगर आपसे पूछता है कि आपने कितना खाना खाया तो आप झूठ बोलते है या फिर गुस्से में आ जाते है.
इसके अलावा जब आप खाना शुरु करते हैं, तो आपको उसे खाते रहने की इच्छा होती है.
दोनों में से कौन सा ज्यादा खतरनाक
स्वस्थ शरीर के लिए फूड एडिक्शन और क्रेविंग दोनों ही नुकसानदायक है. इसलिए बेहतर यही होगा कि न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लें. लंबे समय तक भूखा न रहें, अल्ट्रा प्रोसेस्ड स्नैक्स जितना हो सके कम खाएं, अपने वातावरण और मूड के हिसाब से खाना बंद करें. बस इसलिए न खाएं, क्योंकि आप कोई मूवी देख रहे हैं या फिर मौसम अच्छा है. भूख लगने पर ही खाएं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)