हाल ही में रिया चक्रवती का एक पॉडकास्ट सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हो रहा है. जिसमें वो अपने जेल के एक्सपीरियंस के बारे में बात करती है. रिया चक्रवती को ज्यादातर लोग सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद जानने लगे है. वहीं NCB के ड्रग से जुड़े मामले पर एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को जेल जाना पड़ा था. जहां उनका एक्सपीरियंस काफी ज्यादा अलग था. वहीं इससे वो काफी ज्यादा ट्रॉमा का शिकार भी हो गई थी. रिया ने बताया कि जेल में इंसान नहीं वो सिर्फ एक नंबर बनकर रह जाता है. उन्होंने बताया कि एक दिन एक साल जैसा लगता है और वहां रहने के बाद इंसान नेगेटिव हो जाता है. आइए आपको बताते है कि इस सिचुएशन से कैसे बाहर निकल सकते हैं.
मेंटल डिसऑर्डर का शिकार
एक्सपर्ट के मुताबिक जब भी कोई इंसान ट्रॉमा झेलता है, तो उसका रिलेशन फैमिली, फ्रेंड्स, प्रोफेशनल लाइफ और सोसाइटी के साथ पहले जैसी नहीं रहता है. वहीं जो ट्रॉमा होता है वो PTSD यानी Post Traumatic Stress Disorder मतलब कि मेंटल डिसऑर्डर की तरफ ले जाता है. वहीं इस ट्रॉमा में जिंदगी में नेगेटिविटी बढ़ जाती है और लाइफ को लेकर बुरे विचार आते है. इस वजह से ना इंसान को नींद आती है, ना ही वो खाना खा पाता है.
ट्रॉमा के बाद की दिक्कत
एक्सपर्ट बताते है कि अगर आपको बार-बार ट्रॉमा और डिप्रेशन हो रहा है, तो यह काफी खतरनाक साबित हो सकता हैं. इसकी वजह से निराशा, मूड खराब और लाइफ जीने की इच्छा कम हो जाती है. वहीं इससे लगातार चिंता, बेचैनी बनी रहती है. वहीं कई बार किसी विवाद में फंसने के बाद जब लंबे समय तक उसमें उलझते हैं तो शर्म, अपराध से बाहर आने में काफी समय लग जाता है.
बाहर निकलने के लिए क्या करें क्या नहीं
आप अगर इससे बाहर निकलना चाहते हैं, तो आप इससे आने वाली चुनौतियों का अच्छे से सामना करें और इसके लिए प्रोफेशनल की मदद लें.
ऐसे दोस्त या फिर फैमिली वालों के साथ रहें जो आपको हर चीज में सपोर्ट करें और आपका इमोशनल ख्याल रखें.
आप अपनी चीजों को तय करें. जैसे कि रोजाना खाना खाएं, दोस्तों से बात करें और बाहर घूमने जाएं. इसके साथ ही ऐसी चीज करें. जिनसे आपको खुशी मिलती है.
आप रोजाना मेडिटेशन, योगा कर सकते हैं. इसके अलावा आप बेली ब्रीदिंग या फिर विजुअलाइजेशन की प्रैक्टिस कर सकते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)