Sleep Paralysis : इन दिनों ज्यादातर लोगों की लाइफस्टाइल इतनी बेकार हो गई है कि उनके पास खुद की देखभाल करने का टाइम नहीं है. वहीं कुछ लोगों की नाइट शिफ्ट होती है. जिस वजह से वो लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते है. जिस वजह से उनका स्लीपिंग पैटर्न खराब हो जाता है. वहीं काफी लोगो के साथ ये दिक्कत होती है कि वो अच्छे खासे सो रहे होते है. लेकिन अचानक ही उन्हें ऐसा एहसास होता है कि कोई उनकी छाती पर बैठा है या फिर उनका शरीर पूरी तरह अकड़ जाता है. जिस वजह से वो ना ही कुछ बोल पाते है ना ही उनके शरीर में कोई मूवमेंट होती है. आइए आपको बताते है कि यह सब किस वजह से होता है.
क्या है लक्षण
स्लीप पैरालिसिस एक अजीब बीमारी है. जिसमें अचानक नींद खुलने पर आप शरीर को हिलाने या बात नहीं कर पाते है. ऐसा तब होता है जब व्यक्ति आधी नींद में होता है यानी पूरी तरह से जागा नहीं होता है. ऐसे में बॉडी खुद पर कंट्रोल हासिल नहीं कर पाती है और आपको ऐसा लगता है कि आप जाग गए हैं, लेकिन हिल-डुल नहीं पा रहे हैं.
ये है कारण
पूरी नींद के बिना जागना
यह स्लीप पैरालिसिस का सबसे मेन कारण है. जब व्यक्ति नींद से पूरी तरह से नहीं जाग पाता है, तो उसका शरीर उस वक्त भी आराम की अवस्था में होता है, जिससे उन्हें मूव करने या बात करने में मुश्किल होती है.
स्ट्रेस
स्ट्रेस इन दिनों हर किसी में हो रहा है. जिससे स्लीप पैरालिसिस की संभावना बढ़ जाती है.
स्लीपिंग शेड्यूल
लाइफस्टाइल में लोगों का स्लीपिंग शेड्यूल भी बिगड़ा हुआ है, जो स्लीप पैरालिसिस का कारण है.
दवां
कुछ दवाएं, जैसे कि एंटीडिप्रेसेंट्स आदि भी स्लीप पैरालिसिस का कारण बन सकती हैं.
कैसे बचें
स्लीपिंग शेड्यूल
अगर आप रोज एक टाइम पर सोएंगे, इससे आपकी बॉडी की इंटरनल क्लॉक को रेगुलर होने में काफी मदद मिलेगी.
एक्सरसाइज है जरूरी
एक्सरसाइज से आपको स्ट्रेस और टेंशन दूर होगा.
कमरे को साफ करें
रात होने से पहले कमरे को साफ-सुथरा कर लें, इससे दिमाग शांत रहेगा और नींद अच्छी आएगी. इसके अलावा कमरे में अंधेरा करके भी आप सो सकते हैं.
स्क्रीन टाइम कम करें
अगर आपको बार-बार स्लीप पैरालिसिस होता है, तो सोने से पहले कम से कम एक घंटा पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूरी बना लें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)