Piles : आजकल खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से नौजवान लोगों को भी पाइल्स (बवासीर) की बीमारी हो जाती है. इसके पीछे का मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल होती है. आजकल की खराब लाइफस्टाइल और भागदौड़ वाली जिंदगी में ज्यादातर लोग बवासीर की बीमारी से परेशान हो रहे हैं. बवासीर बीमारी काफी परेशान करने वाली है. इसमें मल त्यागने के दौरान काफी दिक्कत होती है. बवासीर में मलाशय की नसों में गंभीर सूजन आ जाते हैं. जिसके कारण जब आप शौच करते हैं तो काफी दर्द होता है. बवासीर की वजह से मल त्यागने के दौरान खून निकलने लगता है.
अगर इसका सही समय पर उपचार न किया गया तो इसमें काफी ज्यादा दिक्कत होती है. बवासीर को शुरुआत में ही नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कई लोगों को बवासीर होती है, लेकिन इसके लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल में आपको बताएंगे बवासीर के लक्षण और उपचार के बारें में.
बवासीर के लक्षण
बवासीर शुरुआती लक्षणों में खुजली या जलन, मल त्याग के दौरान असुविधा और मल में या एनस को पोंछने के बाद टॉयलेट पेपर पर खून की उपस्थिति शामिल है. जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, व्यक्तियों को सूजन, दर्द और यहां तक कि बवासीर के ऊतकों के आगे बढ़ने का अनुभव हो सकता है. मल त्यागने के दौरान और बाद में बेचैनी होना.
बचाव
1. अपने डाइ़ट में फल,सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां शामिल करें. ये फाइबर से भरपूर होते हैं, जो स्वस्थ पाचन और रोजाना मल त्याग को बढ़ावा देते हैं.
2. पूरे दिन में अपने शरीर के आवश्यकतानुसार मात्रा में पानी पिएं. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से मल त्यागना आसान हो जाता है, और मलाशय की नसों पर दबाव कम नही पड़ता है.
3. फास्ट फूड, तले हुए स्नैक्स, मीठे व्यंजन और प्रोसेस्ड भोजन का सेवन कम करें. इसके जगह घर का बना भोजन चुनें जिसमें फैट कम और फाइबर अधिक हो.
4. मल त्याग के दौरान तनाव से बचें और लंबे समय तक शौचालय में बैठने से बचें. जलन को कम करने के लिए मुलायम वाले टॉयलेट पेपर का उपयोग करें.
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5. संतुलित पोषण और रोजाना व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखना आसान हो जाता है. ज्यादा वजन मलाशय की नसों पर दबाव बढ़ा सकता है, जिससे बवासीर होने की संभावना ज्यादा हो जाती है.