Advertisment

Virtrual Intimacy : लॉन्ग डिस्टेंस कपल्स के लिए गुड न्यूज, अब 24 घंटे मिलेगा एक दूसरे का साथ, जानें कैसे

आज का टाइम डिजिटल दुनिया का टाइम चल रहा है. जहां हर चीज डिजिटल हो रही है. वहीं आज के टाइम में प्यार, रोमांस भी वर्चुअल हो रहा है. इंटरनेट के टाइम में प्यार वाले इमोजी अपने दिल की बात कहने के लिए ही काफी है

author-image
Nidhi Sharma
एडिट
New Update
वर्चुअल इंटिमेसी

वर्चुअल इंटिमेसी

इन दिनों सोशल मीडिया में ना जानें क्या- क्या चल रहा है. वहीं अब रोमांस, प्यार सब डिजिटल बन गया है. अब मोबाइल और इंटरनेट के टाइम में प्यार वाले इमोजी अपने दिल की बात कहने के लिए ही काफी है. वहीं इन दिनों वर्चुअल इंटिमेसी काफी ट्रेंड में है. जो कि लॉन्ग डिस्टेंस कपल्स के लिए किसी सौगात से कम नहीं है. इंटिमेसी तो हर कोई जानता है लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि वर्चुअल इंटिमेसी क्या होता है.

Advertisment

क्या है वर्चुअल इंटिमेसी 

इंटेमेसी का अगर मतलब साफ शब्दों में कहें तो इसका मतलब होता है कि पार्टनर को टच करना, हाथ छूना, गले लगना, काम में हाथ बंटाने जैसी चीजें होती है. वहीं अब डिजिटल में यह काम लोग फेस टू फेस कर रहे है. जिसे वर्चुअल इंटिमेसी कहते है. 

इस तरह पास आते है लोग 

लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन में लोग एक दूसरे से दूर होते है. जिसे अब सोशल मीडिया ने दूर कर दिया है. अब  वर्चुअल इंटिमेसी उनके हजारों किलोमीटर दूर होने के बाद भी महसूस हो जाती है. पार्टनर चैट, मैसेज, वीडियो कॉल, सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म, वर्चुअल सपोर्ट ग्रुप्स, वर्चुअल वर्कशॉप और वर्चुअल रिएलिटी इंट्रैक्शन से खुद को उनके करीब महसूस करते हैं.

हार्मोन्स बढ़ाने में वर्चुअल बॉन्डिंग 

प्यार दिल से होता है लेकिन आज के दौर में प्यार दिल से नहीं सोशल मीडिया से होती है. वहीं प्यार दिमाग से होता है और इसके लिए 3 हार्मोन जिम्मेदार हैं. पार्टनर का मैसेज या कॉल पर उनकी आवाज या तस्वीर से शरीर में डोपामाइन नाम का हैप्पी हार्मोन रिलीज होता है. इसी हार्मोन की वजह से पार्टनर के प्रति अट्रैक्शन बढ़ता है. फिर सेरोटोनिन नाम का हार्मोन खुश और पॉजिटिव महसूस करवाता है. इसी से सेक्शुअल डिजायर बढ़ते हैं. तीसरी स्टेज पर ऑक्सीटोसिन रिलीज होता है जो एक्साइटमेंट बढ़ता है और पार्टनर पर भरोसा कर बॉन्डिंग को मजबूत बनाता है. 

चैट से एक दूसरे को कर सकते है महसूस

वहीं हाल ही में एक स्टडी में पता चला है कि जब कपल एक दूसरे को प्यार भरे मैसेज भेजते हैं, तो दिमाग का एंटीसिपेटरी प्लेजर सिस्टम एक्टिव होता है जो व्यक्ति को फोरप्ले जैसा महसूस कराता है. इसके अलावा जब सामने वाला पार्टनर से चैट करता हैं, तो कॉन्सुमैटोरी प्लेजर सिस्टम एक्टिवेट होता है, जो उनके अंदर संबंध बनाने के दौरान होने वाली फिलिंग जैसा ही है. 

ये भी पढ़ें- गर्भवती महिलाएं हो जाएं सावधान, बच्चों में ऐसे फैल रहा है मंकीपॉक्स वायरस

Advertisment

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

How to Increase Happy Hormones in Hindi Happy Hormones virtual intimacy long distance relationship tips hormones relationship tips Good relationship tips Virtual
Advertisment
Advertisment